कलियुग में किसी पर भी विश्वास करना मुश्किल काम है। आजकल आए दिन खबरों में सुनने को मिल जाता है कि बाप ने ही अपनी बेटी का बलात्कार किया। इस अपराध का सामाजिक और मानसिक पहलू तो होता ही लेकिन इस अपराध का ज्योतिषीय कारण भी होता है।
ग्रहों के पीडित होने, उनके नीच स्थान में होने अथवा किसी क्रूर ग्रह के साथ युति होने पर मनुष्य ऐसा कुकर्म कर बैठता है।
भोग-विलास का ग्रह है शुक्र। कुंडली में शुक्र की स्थिति पर ही ऐसे अपराध निर्धारित होते हैं। शुक्र के अशुभ प्रभाव के कारण ही किसी बाप की नीयत अपनी ही बेटी पर बिगड़ जाती है और वह इस अपराध को कर बैठता है।
आइए जानते हैं कुंडली के कैसे योग इस अपराध को करने के लिए प्रेरित करते हैं -:
शुक्र पर शनि की दृष्टि होने की स्थिति में मनुष्य इस तरह के अपराध के लिए प्रेरित होता है।
यदि कुंडली में शुक्र ग्रह मंगल के साथ है तो जातक के बलात्कार जैसे अपराध में शामिल होने की संभावना रहती है।
कुंडली के अष्टम और द्वादश भाव में शुक्र की उपस्थिति होने पर बाप अपनी ही बेटी का बलात्कार करता है।
यदि कुंडली में चंद्रमा पर क्रूर ग्रहों का प्रभाव है तो जातक के इस अपराध में लिप्त रहने की संभावना रहती है।
शुक्र के पीडित होने की स्थिति में भी यह जघन्य अपराध हो सकता है।
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