सप्तम भाव
अगर किसी की कुंडली के सप्तम भाव में कोई दोष हो उस जातक के विवाह में कठिनाईयां आती हैं या उसके विवाह में देरी होती है। साथ ही कुंडली के कुछ ऐसे योग हैं तो जातक के विवाह में देरी होने की ओर इशारा करते हैं। आइए जानते हैं कुंडली के ऐसे योगों के बारे में -:
शादी की बात
कुंडली के सातवें भाव में बुध और शुक्र दोनों एकसाथ्ा बैठे हों तो उस जातक की शादी की बात तो चलती रहती है किंतु कुछ भी फाइनल नहीं हो पाता और यह विवाह में देरी का कारण बनता है।
हिंदू पंचांग 2019 पढ़ें और जानें वर्ष भर के शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, विवाह मुहूर्त, ग्रह प्रवेश मुहूर्त और भी बहुत कुछ।
लग्न भाव
– चौथे या लग्न भाव में मंगल हो और सप्तम भाव में शनि हो तो ऐसे व्यक्ति की शादी में रुचि नहीं रहती।
जानें विवाह में देरी से बचने के उपायों के बारे में
शनि और गुरु
– कुंडली के सप्तम भाव में शनि और गुरु हो तो शादी देर से होती है। सूर्य, मंगल, बुध की नजर लग्न या लग्न के स्वामी पर हो और गुरु बारहवें भाव में बैठा हो तो आध्यात्मिकता अधिक होने से विवाह में देरी होती है।
विवाह में देरी के लिए उपाय
– चंद्रमा से सप्तम भाव में गुरु बैठा हो तो उस जातक के विवाह में देरी आती है। इसके अलावा चंद्र की राशि कर्क से सातवें घर में गुरु बैठा हो तो भी जातक के विवाह में देरी की संभावना रहती है।
ऐसे जानें कैसा रहेगाा आपका वैवाहिक जीवन
त्रिक भाव का स्वामी
कुंडली के सप्तम भाव में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ योग नहीं हो तो विवाह में देरी होती है।
अगर शादी में हो रही है देर तो अभी
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8285282851
ज्योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : Astrologer on Facebook