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हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। जो भक्त सेवा भाव से हनुमान जी की सेवा करता हैं वो हनुमान जी की दया रूपी छाव में निश्चिंत हो जाता हैं। किसी प्रकार का भय या डर उस जातक को नही डराता। हनुमान जी को प्रसन्न करना अत्यधिक सरल हैं। किसी भी विघ्न में हनुमान जी का स्मरण निर्विघ्न कर देता हैं। हनुमान जी सभी सिद्धियों के दाता हैं उन्हे प्रसन्न करके कोई भी सिद्धि व शक्ति को प्राप्त किया जा सकता हैं।
हनुमान जी की कृपा से मिलेगी अष्ट सिद्धि, नव निधि…1
हनुमान साधाना से पूर्व कुछ नियमों का ध्यान अवश्य रखें-
1- पूजन के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
2- निश्छल सेवा भावना रखें तथा क्रोध व अहं से पूर्णत: दूर रहें।
3- हनुमान जी को घी के लड्डू प्रसाद रूप में अर्पित करें।
4- तामसिक भोजन का परित्याग करें, अनुष्ठान के दौरान यदि सम्भव हो तो नमक का प्रयोग भी न करें। या मंगल वार के दिन व्रत करें उस दिन नमक सेवन न करें।
हनुमान साधना-
1- हनुमान जी को राम भकत अत्यधिक प्रिय हैं। तुलसीदास जी ने राम का स्मरण किया उन्हे हनुमान जी सहज प्राप्त हो गये। अत: रामायण का पाठ नित्य प्रेम पूर्वक करें। पूजन का समय एक ही रखें, बार-बार न बदलें। हनुमान जी को राम कथा इतनी पसंद हैं की वो राम कथा के कारण ही राम जी के साथ साकेत नहीं गये।
2- हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी लिखते हैं की राम रसायन तुम्हरे पासा, यहां जिस राम रसायन के बारे में बताया गया हैं वो राम नाम का जाप ही हैं इसे अपने गले का हार बना लिजिये, आप हनुमान जी के चहेते बन जाओगे।
3- हनुमान चालीसा का प्रभाव अत्यधिक चमत्कारी हैं, इसका नित्य 11 बार पाठ करिये हनुमान जी खुद प्रसन्न होकर आप को वरदान देने आयेंगे। तुलसीदास जी को वाल्मिकी जी के पुनर्जन्म के रूप में जाना जाता हैं। इस विषय में कथा प्रचलित हैं की संसार की प्रथम रामयण हनुमान जी ने लिखि थी लेकिन वाल्मिकी की प्रसन्नता हेतु उसे समुद्र में प्रवाहित कर दिया था तब वाल्मिकी ने हनुमान जी को वचन दिया की थी की मेरा अगला जन्म आपकी गाथा लिखने के लिये होगा।
4- हनुमान साधना के कुछ तांत्रिक प्रयोग व मंत्र हैं जिनको साधकर हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता हैं। यहां में कुछ बीज मंत्रों के बारे में वर्णन कर रहा हूं जिन में से किसी भी मंत्र का जाप हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जा सकता हैं। शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से लाल आसन पर हनुमान जी की प्रतिष्ठित मूर्ति के सामने बैठ कर घी का दीपक जला कर लाल चंदन की माला अथवा मूंगे की माला पर नित्य 11 माला 40 दिन करने से सिद्धि प्राप्त होती है।
– ऊँ हुँ हुँ हनुमतये फट्।
-ऊँ पवन नन्दनाय स्वाहा।
– ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
– अष्टदशाक्षर मंत्र अत्यधिक चमत्कारी एवं हनुमान जी की कृपा देने वाला हैं, मंत्र महोदधी में वर्णित है कि जिस घर में इस मंत्र का जाप होता हैं वहां किसी प्रकार की हानि नही होती। धन-सम्पन्नता व खुशियां सर्वत्र फैली हुई होती हैं। ‘नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा’ इस मंत्र के देवता हनुमान हैं, ऋषि ईश्वर हैं, हुं बीज है, स्वाहा शक्ति हैं तथा अनुष्टुप छंद है। इस मंत्र का 10000 बार जप करना चाहिये तथा दशांस हवन करना चाहिये।
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– हनुमान जी के कुछ प्रसिद्ध मंत्र जिनकी साधना करने से समस्त प्रकार के दुख: व संकट हमेशा के लिये नष्ट हो जाते हैं। 41 दिनों तक नित्य 3 या 7 माला घी का दीपक जला कर उसके सम्मुख जाप करें संयम पूर्वक इन मंत्रों को जाप करें।
– ओम नमों हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
– ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
– ओम नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा। जय श्री राम
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