दशा तथा गोचर
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में किसी घटना के घटित होने का सही समय जाना जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में दशा तथा गोचर ऐसे माध्यम है जिनके द्वारा यह मालूम होता है कि हमारे साथ कब कौन सी घटना घटित होगी। जन्म कुंडली में दशम, धन, सप्तम तथा लाभ स्थान के मालिक की दशा/अंतर्दशा तथा गोचर मे कर्म स्थान के कारको की स्थिति नौकरी से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी देती है। कर्म स्थान के विभिन्न कारक किस प्रकार पदोन्नति दे सकते है आइये उनहे जाने…..
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अत्यधिक सफलता प्राप्त होती है
1- दशमेष गोचर में उच्च या मूल त्रिकोण राशि का हो तथा दशमेश या सप्तमेष की दशा/अंतर्दश चल रही हो तो यह समय जातक के कार्यकाल का श्रेष्ट समय होता है व्यक्ति अत्यधिक सफलता प्राप्त करता है तथा पदोन्नति होती है। इस समय व्यक्ति का प्रत्येक कदम उसे सफलता की ओर बढाता है। यह जन्म कुंडली भारत के सबसे सफल कप्तान महेंन्द्र सिंह धोनी की है। सितम्बर 2007 में जब धोनी को प्रथम बार कप्तानी मिली तो उस समय दशमेष बुध उच्च के होकर लग्न में थे तथा राहु में गुरु की अन्तर्दशा थी।
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मान सामान व पदोन्नति
2- दशम स्थान पर धनेश या लाभेष गोचर कर रहा हो तथा दशा धनेश, लाभेश या कर्मेश की हो तो व्यक्ति का यह समय कार्य क्षेत्र में मानसम्मान देना वाला तथा पदोन्नति कारक समय होता है।
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बडी पद- प्रतिष्ठा देती है
3- गुरु शनि का कर्म स्थान पर संयुक्त गोचर प्रभाव पदोन्नति दर्शाता है। प्रस्तुत कुंडली भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की है मोदी जी जब प्रथम बार मुख्यमंत्री बने उस समय उनको शुक्र की दशा चल रही थी । सप्तमेष की दशा व्यक्ति को बडी पद- प्रतिष्ठा देती है। इसके अतिरिक्त 2001 में शनि व गुरु की युति वृषभ राशि पर थी जो की मोदी जी की पत्रिका का सप्तम भाव है। नतीजन वें मुख्यमंत्री बने।
धन और लाभ की प्राप्ति होती है
4- दशमेष गोचर में धन, लाभ, कर्म, सप्तम तथा दशमांश के मालिक के साथ युति कर रहा हो तो पदोन्नति के अवसर प्राप्त होते है।
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पदोन्नति का दायक है
5- सप्तमेश की दशा पदोन्नति दायक होती है। सप्तमेष का प्रभाव पद प्राप्ती के लिये अत्यधिक महत्व रखता है। उपरोक्त पत्रिकाओं में सप्तमेष का प्रभाव स्पष्ट दिखता है।
भाग्य भी देगा साथ
6- त्रिकोण के स्वामी की दशा/अंतर्दशा हो तथा गोचर में ये दशम स्थान या दशमेष के साथ सम्बंध बनाये तो व्यक्ति का भाग्यसाथ देता है। यह समय पदोन्नति के साथ वक्ति को सर्वत्र मान सम्मान देता है।
जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति
जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति फल प्राप्ती की सीमा निर्धारित करती है यदि जन्म कुंडली में कार्य क्षेत्र की स्थिति मजबूत है तो निश्चित रूप से उपरोक्त समय में व्यक्ति को प्रगति व उन्नति के बहुत ही सुंदर अवसर प्राप्त होंगे।
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