जानिये तुलसी के औषधीय, ज्योतिषीय और धार्मिक लाभ

भारतीय धर्म में हर उस वस्तु या पदार्थो को पूजनीय माना जाता है जो अत्यधिक कल्याण कारी है तुलसी का एक तरफ जहां धार्मिक महत्व होने के कारण पूजन होता है वही दूसरी तरफ तुलसी का औषधीय महत्व उसके प्रति और अधिक श्रद्धा उत्पन्न करता है। इन सब के अतिरिक्त ज्योतिष शास्त्र में भी तुलसी के महत्व का पता चलता है आइये जानते है तुलसी के धार्मिक, औषधिक और ज्योतिषीय लाभ…

ऐसे लोगों को मिलती है सरकारी नौकरी….

Horoscope 2025

 

तुलसी का धार्मिक महत्व-

1- तुलसी के बारे में हमारे शास्त्रों व पुराणो में कई आख्यान मिलते है। तुलसी भगवान हरि को अत्यधिक प्रिय है इस लिये तुलसी का एक नाम हरिप्रिया भी है। तुलसी का पूजन मोक्ष दायक होता है।
2- हिंदू धर्म में मान्यता है की प्रत्येक घर में यह दैविय पौधा अवश्य लगाना चाहिये जिस घर में यह पौधा होता है व वहां भगवान का वास होता है। घर के प्रत्येक सदस्य प्रसन्न व शुभ बुद्धि प्राप्त करते है।
3- तुलसी के पौधे के विषय में कहा जाता है की यह पौधा जिस घर में भी होता है वहां आकस्मिक दुर्घटना, अपमृत्यु और कलह क्लेश नही होता।
4- जिस घर में तुलसी का नित्य पूजन होता है वहां भूत-प्रेत जनित दोष उत्पन्न नही होते।
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्य वर्धिनी।
आधिव्याधि हरिर्नित्यं तुलेसित्व नमोस्तुते॥

Buy Rudraksha

तुलसी का ज्योतिषीय महत्व-

1- तुलसी शुक्र व चंद्र के दोषों को दूर करती है जिस जातक की कुंडली में ये दोनो ग्रह खराब हो उसे तुलसी का नित्य पूजन करना चाहिये।
2- तुलसी के पूजन करने से जन्म कुंडली के अष्टम व षष्ट भाव जनित दोष दूर हो जाते है। रोग, ऋण, शत्रु और चोट-दुर्घटना का भय नित्य तुलसी के सम्मुख दीपक जलाने से दूर हो जाता है।
3- घर में स्थित कई वास्तु दोषों से दूर रखता है तुलसी का पौधा।
4- तुलसी द्वारा भगवान विष्णु का पूजन दाम्पत्य जीवन के दोषों को दूर करने वाला होता है। जिनका विवाह नही हो रहा है या डिवोर्स जैसी परिस्थिति बन गई है उनहे तुलसी को अपने आंगन में लगाकर पूजन करना चाहिये।

Buy Gemstones

 

होगा आईएसआईएस का दुनियां में राज…बाबा वांगा

तुलसी का आयुर्वेदिक महत्व-

1- तुलसी के सेवन से मस्तिष्क सम्बन्धी अनेक दोषो को दूर किया जा सकता है जैसे सिर का भारी होना, पीनस, माथे का दर्द, आधा शीशी और मिरगी आदि।
2- तुलसी के रस का सेवन काली मिर्च व शहद के साथ करने से ठंड कम लगती है। सर्दी-जुखाम खांसी के लिये यह रामबाण है।
3- तुलसी का प्रभाव रक्त को शुद्ध करता है तथा चर्म रोगो से दूर रखता है साथ ही चेहरे की सौंदर्यता बढाने वाला होता है। तुलसी के सम्बंध में कहा गया है की – तुलसी के रस का सेवन तीनों कालों (सुबह, दोपहर व संध्या समय) में करने से शरीर की कांति इतनी शुद्ध हो जाती है जितनी की कई बार चंद्रायन व्रत करने से भी नही होती।
4- तुलसी का प्रयोग अनेक प्रकार के दोषो को दूर करता है। मूत्रदाह व विसर्जन में कठिनाई तथा ब्लैडर की सूजन व पथरी में तुलसी के बीज का चूर्ण प्रयोग करना चाहियेचाहिये।
5- यह विष व दुर्गंध नाशक औषधी है।
तुलसी के महत्व की ये मात्र एक झलक है। भारतीय ग्रंथों में तुलसी के गुणों के बारे में अत्यधिक विस्तार से लिखा गया है। आप भी अपने घर में आज ही तुलसी का पौधा लगाइये।
रोपनात् पालनान् सेकान् दर्शनात्स्पर्शनान्नृणाम्।
तुलसी दह्यते पाप वाढुमतः काय सञ्चितम्॥

Janam Kundali

 

(तुलसी को लगाने से, पालने से, सींचने से, दर्शन करने से, स्पर्श करने से, मनुष्यों के मन, वचन और शरीर द्वारा किये गये समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।)

Book Puja Online

किसी भी जानकारी के लिए Call करें :  8285282851

ज्‍योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : Astrologer on Facebook

 

5/5 - (2 votes)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here