अंगारक दोष क्या है?

अंगारक दोष: संपूर्ण जानकारी

अंगारक दोष ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दोष है जो व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है। यह दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह और राहु का संयोजन किसी एक ही भाव में होता है। इसे एक प्रकार का अशुभ योग माना जाता है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे स्वास्थ्य, करियर, दांपत्य जीवन और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकता है।

अंगारक दोष निवारण पूजा


अंगारक दोष और मांगलिक दोष में अंतर

  • मांगलिक दोष: यह तब बनता है जब मंगल ग्रह किसी की कुंडली के 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित हो। यह दोष मुख्य रूप से वैवाहिक जीवन पर असर डालता है।
  • अंगारक दोष: यह तब बनता है जब मंगल ग्रह और राहु एक ही भाव में स्थित हों। इसका प्रभाव केवल वैवाहिक जीवन तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह मानसिक अशांति, आक्रामकता और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बनता है।

इसलिए, अंगारक दोष और मांगलिक दोष एक जैसे नहीं हैं, हालांकि दोनों का कारण मंगल ग्रह होता है।


अंगारक दोष का कुंडली में निर्माण

अंगारक दोष तब बनता है जब:

  1. मंगल और राहु किसी एक भाव में हों।
  2. यह दोष व्यक्ति की जन्मकुंडली के किसी भी भाव में बन सकता है।
  3. यह दोष तब और अधिक प्रभावी होता है यदि मंगल और राहु अशुभ ग्रहों से दृष्ट होते हैं।
  4. कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति और शुभ ग्रहों का प्रभाव इस दोष की तीव्रता को कम या बढ़ा सकते हैं।

अंगारक दोष के प्रभाव

अगर इस दोष का उपाय नहीं किया जाए, तो निम्न समस्याएं हो सकती हैं:

  1. स्वास्थ्य समस्याएं: सिरदर्द, रक्त विकार, चर्म रोग, या सर्जरी की संभावना।
  2. मानसिक तनाव: व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, गुस्सा, और मानसिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
  3. करियर में बाधा: नौकरी में रुकावट, धन हानि, या व्यापार में असफलता।
  4. वैवाहिक जीवन में समस्या: पति-पत्नी के बीच विवाद, तलाक, या शादी में देरी।
  5. कानूनी और सामाजिक समस्याएं: कोर्ट-कचहरी के मामलों में उलझाव।

अंगारक दोष के उपाय

इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

1. पूजा-पाठ और अनुष्ठान

  • अंगारक दोष निवारण पूजा: कुंडली में दोष शांति के लिए विशेष पूजा करवाई जाती है।
  • हनुमान जी की उपासना: मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
  • मंगल ग्रह के उपाय: मंगल ग्रह के लिए हवन और मंत्र जाप करें, जैसे:
    मंत्र: "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।"  
    
  • राहु शांति पूजा: राहु ग्रह की अशुभता कम करने के लिए पूजा करें।

2. रत्न और उपाय

  • मूंगा (लाल मूंगा): इसे सही विधि से धारण करें।
  • राहु के लिए गार्नेट या गोमेद धारण करें।
  • रत्न धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषी से सलाह लें।

3. व्रत और दान

  • मंगलवार को व्रत रखें और चावल, गुड़, और लाल कपड़े दान करें।
  • राहु के लिए शनिवार को तिल, सरसों का तेल, और काले कपड़े का दान करें।

4. मंत्र जाप और ध्यान

  • मंगल ग्रह और राहु ग्रह के मंत्रों का जाप करें।
  • “मंगल बीज मंत्र” और “राहु बीज मंत्र” का नियमित जाप करें।

5. शिव पूजा

  • शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं।
  • “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें।

अंगारक दोष निवारण पूजा के लाभ

  1. मानसिक शांति: गुस्सा, चिड़चिड़ापन और तनाव कम होता है।
  2. स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा मिलता है।
  3. करियर में उन्नति: नौकरी और व्यापार में सफलता।
  4. वैवाहिक जीवन में सुधार: शादी में आ रही समस्याएं दूर होती हैं।
  5. सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ता है।

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  1. अंगारक दोष क्या है
  2. कुंडली में अंगारक दोष के उपाय
  3. अंगारक दोष के लक्षण
  4. अंगारक दोष और मांगलिक दोष का अंतर
  5. अंगारक दोष निवारण पूजा के लाभ
  6. मंगल राहु योग के उपाय
  7. अंगारक दोष का प्रभाव
  8. ज्योतिष में अंगारक दोष

निष्कर्ष:
अंगारक दोष एक गंभीर ज्योतिषीय दोष है जिसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। उचित पूजा, मंत्र जाप, और ज्योतिषीय उपायों से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आपको अपनी कुंडली में इस दोष की पुष्टि करनी है या उपाय करवाने हैं, तो अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करें। call us on 8285282851

“अपना जीवन सफल और शांतिमय बनाएं। हर दोष का समाधान संभव है, बस सही दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।”

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