जब मन बार-बार उदास और परेशान रहता है और कोई विशेष कारण भी समझ में नहीं आता, तो ज्योतिष शास्त्र में इसे ग्रहों की अशुभ स्थिति से जोड़ा जाता है। सामान्यतः निम्नलिखित ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण ऐसा हो सकता है:
1. चंद्रमा (Moon)
- चंद्रमा मन और मानसिक स्थिति का कारक ग्रह है।
- यदि चंद्रमा नीच का हो, अशुभ ग्रहों के साथ हो या पाप ग्रहों से दृष्ट हो तो व्यक्ति मानसिक तनाव, डिप्रेशन और चिंता में रहता है।
2. शनि (Saturn)
- शनि यदि चंद्रमा पर दृष्टि डालता हो या चंद्रमा के साथ हो तो यह ‘विश योग’ या ‘चंद्र शनि विष योग’ कहलाता है जो मानसिक परेशानी और अकेलापन देता है।
- शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या भी मन को भारी और दुखी करती है।
3. राहु-केतु
- राहु-केतु यदि चंद्रमा के साथ या उस पर दृष्टि डालते हों तो भ्रम, चिंता, डर और मानसिक बेचैनी बढ़ा सकते हैं।
- राहु-केतु की महादशा या अंतर्दशा भी मानसिक अशांति का कारण बनती है।
चंद्रमा के लिए:
- सोमवार का व्रत करें।
- प्रतिदिन “ॐ चं चंद्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- सफेद वस्त्र, चावल, दूध का दान करें।
- रात को चंद्रमा को कच्चा दूध और जल अर्पित करें।
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शनि के लिए:
- शनिवार को शनि देव की पूजा करें।
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- काले तिल, काले कपड़े, सरसों का तेल दान करें।
- पीपल के पेड़ के नीचे शनिवार को दीपक जलाएं।
राहु-केतु के लिए:
- “ॐ राहवे नमः” और “ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें।
- नारियल और उड़द का दान करें।
- राहु-केतु शांति पूजा करवा सकते हैं।
सामान्य उपाय:
- नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्य को जल चढ़ाएं।
- गाय को रोटी और गुड़ खिलाएं।
- रुद्राभिषेक करवाना भी लाभकारी रहेगा।
कुंडली विशलेषण-2 वर्षों का ज्योतिषीय विवरण
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