11 अगस्त को 2016 को गुरू कन्या राशि में गोचर करेगा। कन्या एक दोहरे स्वाभाव वाली राशि है इसलिए यह गोचर कन्या राशि के जातकों में कन्फ्यूजन भर देगा। वो कभी तो बहुत मन से काम करेंगे और कभी छोड़-छाड़ कर किनारे हो जाएंगे। 1969 में जब गुजरात दंगे हुए थे और 1992 में बाबरी विध्वंश के समय भी गुरू इसी दोहरे स्वाभाव वाली राशि में गोचर कर रहा था। गुरू का इस तरह की राशि में होना विवाहित जोड़ों में दरार पैदा करता है जो कभी कभी तलाक तक भी पहुंच जाता है।
दो चीजें जो इस गोचर के दौरान अच्छी हो रहीं है उनमें से पहली है कि गुरू राहू को छोड़ रहा है और उस पर जो शनि की दृष्टि पड़ रही थी उससे भी आगे निकल जाएगा। वह जातक जो गुरू की दशा और भुक्ति से गुजर रहे हैं उन्हें इस गोचर का सबसे ज्यादा प्रभाव मिलेगा। तो आइए देखते हैं इस गोचर का 12 राशियों पर प्रभाव:
जानिए अपने ऊपर गुरु गोचर का प्रभाव
- मेष: गुरू छठे भाव में है जिस कारण सेक्स की ओर आपका आकर्षण जरूरत से ज्यादा होगा। जिसकी वजह से बीमार होने की संभावना भी है।खाना अनियंत्रित हो जाएगा जिसकी वजह से आलस ज्यादा आएगा और इस गोचर के खत्म होते होते अपने वजन में भी वृद्धि देखेंगे।सचेत रहे और ऐसा कुछ न करें जो आपके बदनाम होने का कारण बन जाए। इस गोचर के दस दिन पहले से इसके खत्म होने के 20 दिन बाद तक यह खतरा आप पर बना रहेगा।अगर जन्म कुंडली में गुरू अच्छी दशा और दिशा में है तो आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। अन्यथा शत्रुओं से भी सावधान रहें वो कई बनते काम बिगाड़ सकते हैं।बिना किसी कारण खर्च बढ़ेगा। व्यापारियों के लिए यह गोचर व्यापार में कुछ नुकसान लेकर आएगा। जबकि नौकरीपेशा लोगों के लिए समय अच्छा है।इस दौरान बैंक से लोन लेना आपके लिए आसान है लेकिन अच्छा होगा अगर आप इस विषय में न सोचें। क्योंकि इसे चुकाने में आपकी हालत खराब हो जाएगी।अपने लीवर, पैंक्रीयाज और किडनी का ख्याल रखें क्योंकि ऐसे संकेत भी हैं कि अस्पताल में भी कुछ खर्च हो सकता है।कनफ्यूज रहेंगे और निर्णय लेने में अक्षम महसूस करेंगे।
- वृषभ: गुरू की मूल त्रिकोण राशि यहां 8वें भाव में आती है जिस कारण कई बार गुरू 11वें भाव का स्वामी होने के बाद भी उस भाव के फल नहीं देता।आपका रूझान धार्मिक अनुष्ठानों और कार्यों में ज्यादा रहेगा। इस कारण सामाजिक दायरों का भी विस्तार होगा।आप लव गुरू की भूमिका में भी नजर आएंगे और कुछ ऐसा करेंगे जिससे स्वयं के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचेगी।12वें भाव का स्वामी होने के कारण गुरू बच्चों को कुछ परेशानी में डाल सकता है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो इस दौरान एक बार चेकअप जरूर करवा लें।अगर गुरू का संबंध आपकी कुंडली में अच्छे भावों से नहीं है तो यह समय आपके पिता के लिए तकलीफ देने वाला हो सकता है।कोई भी काम शुरूआत में आसान लगेगा लेकिन समय के साथ-साथ वो आपके लिए मुश्किल दर मुश्किल होता जाएगा।संभव है कि बच्चे कोई ऐसा काम कर दे जिससे नुकसान उठाना पड़े।गुरू इसके अलावा सूर्य, चंद्र और मंगल के नक्षत्रों से होकर भी गुजरेगा। मंगल आपके लिए मारक ग्रह है और वह 12वें घर का स्वामी भी है इसलिए आपको सावधान रहने की जरूरत है। आपको सेहत और धन दोनों ही मामले में मंगल के नक्षत्र में गुरू के जाने पर नुकसान हो सकता है।
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- मिथुन: गुरू आपको सीनियर का प्रीय बनाएगा और वो हर जगह आपकी प्रशंसा करते नजर आएंगे। संभव है कि इस दौरान आपको प्रमोशन या इंक्रीमेंट मिले।धर्म की ओर आपकी आस्था बढ़ेगी, पूजा पाठ में मन लगेगा। भगवान के प्रति आस्था से ज्यादा डर आपको परेशान करेगा।10वें भाव का स्वामी अपने ही घर को देख रहा है। यह दृष्टि कई मायनों में आपके लिए फायदेमंद होगी। विशेष कर यदि आपकी कुंडली में गुरू अच्छी दशा और दिशा में है तो लाभ निश्चित है।अगर कुछ नहीं कर रहे हैं तो इस समय रियल स्टेट से जुड़ कर काम कर सकते हैं। वो सकता है ये काम आपको संतुष्टि दे।गुरू आपके सातवें भाव का स्वामी भी है इसलिए अगर आपकी कुंडली में चौथा घर प्रभावित न हो तो यह साल आपके वैवाहिक जीवन के लिए शानदार गुजरने वाला है।आपका अहित चाहने वाले इस गोचर में आप पर हावि नजर आएंगे।मंगल के नक्षत्र में जैसे ही चांद आएगा मुसिबतों का पहाड़ आएगा। सेहत से संबंधित परेशानियां हो सकती है। हो सकता है जातक जले या कहीं कट जाए।बुरा ही नहीं मंगल के नक्षत्र में गुरू के आने पर आपको कंपटीटिव परीक्षाओं में सफलता मिल सकती है।
- कर्क: गुरू कर्क में प्रवेश कर रहा है। कर्क राशि से यह तीसरे भाव में होगा। जिससे आप थोड़ा बुखार जैसा महसूस करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं होगा कि अस्पताल जाना पड़े।6ठें और 9वें भाव का स्वामी गुरू सबके साथ सबंध अच्छे बनाएगा। भाग्य आपके साथ रहेगा।आप पहले से ही धर्म-कर्म के कामों में रूचि रखते हैं और यह गोचर आपको धर्म की ओर लेकर जाने वाला है।ऐेसी जगह पर काम करना लाभ देगा जहां सलाह मशवरा देने का अवसर होता हो। आपकी सलाह लोगों के लिए बहुत काम की साबित होगी।लेखन भी अच्छा होगा तो अगर आप लेखक या ब्लॉगर हैं तो इस गोचर के दौरान आप उस तारीफ और पुरस्कार को पा सकते हैं जिसे पाने की ख्वाहिश आपमें है।लेकिन अगर जन्म कुंडली में गुरू सही स्थान में नहीं है तो आपका लिखा हुआ आपको किसी संकट मे भी डाल सकता है और बदनामी का कारण भी बन सकता है।इस गोचर के दौरान गुरू सूर्य, चंद्रमा और मंगल से होकर गुजरेगा। जोकि एक अच्छा संकेत है। सिंह राशि वाले लोगों का साथ आपको इस गोचर के दौरान कुछ लाभ दे सकता है।क्योंकि मंगल यहां योगकारक ग्रह है इसलिए इस गोचर के दौरान जब गुरू मंगल के नक्षत्र में आएगा तो जातक को अवश्य लाभ होगा।
- सिंह : इस राशि के लिए गुरू 5वें और 8वें घर का मालिक है इसलिए इस गोचर के दौरान जातक की ज्योतिषीय गणनाएं बहुत सटीक हो जाएंगी और छठी इंद्री में भी गजब का विकास होगा। इस दौरान दूसरों से धन की प्राप्ति हो सकती है।इस गोचर के दौरान अगर विवाह कर रहे हैं तो अच्छा जीवनसाथी मिलेगा अगर गुरू आपकी जन्म कुंडली में अच्छे स्थान और स्थिति में होगा।आपको आंख और दांत से संबंधित परेशानियां भी हो सकती हैं। बैंक बैलेंस में बढ़ोत्तरी और परिवार में नए सदस्य जुड़ सकते हैं।पुराने कागजात या सरकारी चीजों से कुछ न कुछ लाभ हो सकता है। अपने खान पान में ध्यान देने की जरूरत है अन्यथा मोटापा और उसके साथ आने वाली बीमारियां आपको घेर सकती हैं। दूसरे घर से गुरू की दृष्टि दसवें घर पर है। इसलिए कार्य क्षेत्र में यह गोचर कुछ अच्छे अवसर दिलवा सकता है।व्यापारियों के लिए भी यह गोचर लाभ देने वाला है। इस समय कई महत्वपूर्ण समझौतों में हस्ताक्षर करने का मौका मिल सकता है।अगर आप ज्योतिषी हैं तो आपकी भविष्यवाणियां सटीक और सही साबित होंगी।सूर्य के बाद गुरू चंद्रमा के नक्षत्र में प्रवेश करेगा जो 12वें भाव का स्वामी है। यह गोचर जब मंगल के नक्षत्र में पहुंचेगा तो समय थोड़ा सा चैलेंजिंग होगा।किसी पुरानी बीमारी से समस्या हो सकती है। साथ ही दुर्घटना और इंजरी के संकेत भी हैं।
जानिए अपने ऊपर गुरु गोचर का प्रभाव
- कन्या: ऐसे जातक जो विवाह का इंतजार कर रहे हैं इस गोचर में उनका विवाह हो जाएगा।यह धन देने वाला गोचर तो नहीं है लेकिन लाभ अवश्य होगा। यह लाभ सेहत और मानसिक रूप में भी हो सकता है। गुरू की दृष्टि 5वे, 7वे और 9वें घर में पड़ रही है।अगर आप वैवाहिक जीवन में किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं तो यह समय उसे सुलझा लेने का है।इस गोचर के दौरान ऐसे किसी भी कागज में हस्ताक्षर न करें जो धन संपत्ति आदि से जुड़ा हो। तो यदि ऐसा कोई भी काम है तो इस समय के गुजर जाने के बाद ही करें।कभी कभी ऐसा हो सकता है कि आप आत्मविश्वास की कमी महसूस करें। सिर्फ इतना ही नहीं प्यार में पढ़ जाने का समय भी आ गया है। हो सकता है आप जिसे लंबे समय से चाहते हैं वो खुद आपके पास आकर प्यार का इजहार कर दे।वजन बढ़ सकता है और हो सकता है यह गोचर आपके शरीर को मोटा बना जाए। इसलिए खान-पान में ध्यान दें।कामेच्छा का जरूरत से ज्यादा होना आपको बीमार कर सकता है।गुरू इस गोचर के दौरान जब चंद्र के नक्षत्रों से गुजरेगा तो जातक पर अच्छे प्रभाव पड़ेंगे। लेकिन मंगल और सूर्य के नक्षत्रों में गोचर के समय कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मीडिया और कंटेंट मार्केटिंग की फील्ड में काम कर रहे लोगों के लिए यह समय सावधानी से रहने का है। ऐसा हो सकता है कि आप कुछ बड़ी गलती कर दे जिसका खामीयाजा भूगतना पड़ें।किस्मत आपके साथ होगी और मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में आप समझदारी से काम लेंगे।
- तुला: वैसे तो 12वां घर अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन जब बात शुक्र ग्रह की हो तो उसके लिए इससे बेहतर स्थान दूसरा कोई नहीं होता। दोनों स्थान और ग्रह व्यवहार से तामसी प्रवृत्ति के होते हैं इसलिए एक साथ सबसे ज्यादा प्रभाव देते हैं।इस राशि के लिए सूर्य, चंद्र और मंगल तीनों ने महत्वपूर्ण स्थान लिए हुए है। इनमें से मंगल मारक भी है। जबकि गुरू स्वयं 3रें और 6ठें भाव का स्वामी है।6ठें और 12वें भाव का स्वामी होकर गुरू विपरीत राजयोग भी बनाता है। जोकि इस गोचर में जातकों को अच्छे फल देगा।ऐसे लोग जो इस समय पैदा होंगे उन्हें भी इसका फल अवश्य मिलेगा।अपनी तृष्णा से ही आप खुद को परेशानियों में डाल सकते हैं। जिसका प्रभाव दूसरे लोगों में भी पड़ेगा।ऐसा भी संभव है कि आप अपना धन कुछ ऐसी जगह खर्च करें जहां नहीं होने चाहिए। इसलिए खर्चे बहुत सोच समझ कर ही करें।संभव है कि कुछ ऐसे शारीरिक संबंध बनें जो अनैतिक हों और जिसका आपको बाद में अफसोस भी हो।इस गोचर के दौरान कार्यक्षेत्र, प्यार, परिवारिक संबंध में तनाव के साथ-साथ बेवजह होने वाले खर्चे बढ़ेंगे।11 भाव का स्वामी सूर्य है और जब गुरू सूर्य के नक्षत्र से होकर गोचर करेगा तो जातक को धन लाभ होगा। किन्तु खर्च भी उतनी ही तेजी से होगा। इसलिए अगर इस गोचर के दौरान धनलाभ हो तो उसे कहीं संभाल कर रखें।जीवनसाथी के साथ अलगाव की भी संभावना है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं यह अलगाव तात्कालिक ही होगा।यह गोचर आपके लिए सामान्य फल लेकर आ रहा है कुछ सावधानियां रखेंगे तो इसे बेहतर बनाया जा सकता है।
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- वृश्चिक: गुरू का यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सबसे ज्यादा लाभ देने वाला है। आज तक जितनी भी मेहनत आपने की है यह गोचर उन सबका फल आपको देगा क्योंकि गुरू स्वयं 11वें भाव में बैठा है।इसके बाद गुरू 12वें भाव में प्रवेश करेगा जोकि कुछ बुरे फल दे सकता है लेकिन इसमें काफी समय है। आप खुद को उसके लिए तैयार भी कर सकते हैं।दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी जब 11वें घर में बैठा हो तो जातक के लिए कुछ भी कहना बेमानी होता है। यह स्वयं एक प्रकार का राजयोग हैं। अगर जातक की जन्मकुंडली में गुरू सही दिशा और दशा में है तो इस दौरान नई ऊचाईयों को छूने के लिए तैयार हो जाइए।संगीत की तरफ आपका रूझान बढेगा। परफार्मिंग आर्टस में आप बेहतर करेंगे जिससे करियर में आप मंजिल की ओर एक कदम और आगे बढ़ेंगे।इसके अलावा अगर ज्योतिष, जादू और सट्टे आदि का काम करते हैं तो भी लाभ होना निश्चित है।नए दोस्त बनाने के लिए भी यह बेहतरीन समय है। रिश्तेदार भी आपका सहयोग करेंगे। बेटा आपकी सेवा करेगा।दोस्तों के बुरे समय में आप उनकी मदद करेंगे। कार्यों को जल्दी समाप्त कर समय का लुत्फ उठाएंगे।
- धनु: लग्न स्वामी का दसवें घर में होना बहुत अच्छी बात है। यह आपके करियर और मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी करता है।अगर बेरोजगार हैं तो यह वो समय है जब आपको रोजगार मिलने की संभावना बनती है और इस दौरान रोजगार मिलते भी हैं।व्यापारी वर्ग काम में उन्नति करेंगे और इतना ही नहीं वह और अच्छे नतीजों के लिए मेहनत भी ज्यादा करेंगे।अपनी मेहनत और भाग्य के बल पर आप सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि दूसरों के जीवन के लिए भी खुशियां बटोरते रहते हैं।ऐसे लोग जो चंद्र के नक्षत्र में गुरू के मार्गी होने पर पैदा हुए हैं उनके लिए यह समय बहुत अच्छा है। अगर जन्मकुंडली में गुरू मार्गी है तो निश्चित ही यह समय आपके लिए बहुत बेहतरीन होगा।इस आकाशीय अवस्था के दौरान जन्में बच्चे आगे चलकर राजनीति में अपना भविष्य बनाते हैं। रियल स्टेट से जुड़े लोगों को भी बहुत लाभ होगा।सरकारी नौकरी की कोशिश कर रहे लोगों को सफलता मिल सकती है।चंद्रमा आठवें भाव का स्वामी है लेकिन वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य और चंद्र 8वें और 12वें घर के स्वामी होकर भी बुरे फल नहीं देते।
जानिए अपने ऊपर गुरु गोचर का प्रभाव
- मकर: सच्चा व्यक्ति कितने भी मुश्किल समय से गुजर रहा हो लेकिन वह दूसरों की भलाई करना नहीं छोड़ता। गुरू 3रें और 12वें घर का स्वामी हैं जिसे इस लग्न के जातकों के लिए बुरे प्रभाव देने चाहिए लेकिन मेरे अनुभव के अनुसार ऐसा होता नहीं है।12वें घर का स्वामी होकर गुरू विदेश यात्रा करवाता है और कई बार देखा है कि यह कहीं दूर नौकरी भी पक्की करा देता है।मकर राशि के लिए ये 9वां घर होता है जो लंबी दूरी की यात्रा और उच्च शिक्षा का होता है। ऐसे में संभव है कि जातक पढाई के लिए विदेश या कहीं दूर जाए।धर्म और आस्था के प्रति आपका रूझान और बढेगा। पिता के साथ रिश्ता और मजबूत होगा। इस दौरान आप यात्राओं में व्यस्त रहेंगे। यदि संतान होने का समय हो तो होने वाले संतान के पिता को अपना ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि ये संभव है कि इस दौरान पिता के वियोग के योग साफ दिख रहे हैं।इस योग में मार्गी गुरू के होने पर चंद्र के साथ उसके नक्षत्र में पैदा होने पर जातक नई ऊचाईयों पर पहुंचता है।
- कुंभ: आठवें घर में गुरू का होना कुछ समस्याओं से छुटकारा तो दिलाएगा लेकिन ऐसे लोग जिनकी कुंडली में गुरू की दशा चल रही होगी उन्हें इस गोचर से कुछ हानि हो सकती है।अगर जन्म कुंडली में गुरू अपने ही नक्षत्र में हुआ तो इस गोचर का ज्यादा लाभ मिलेगा अन्यथा इससे ज्यादा अपेक्षा करना बेमानी होगा।इस समय कुंभ का लग्न स्वामी 10वें घर में है जोकि आने वाले साल में 11वें घर में चला जाएगा। इसके बाद जातक को अच्छे फल मिलना प्रारम्भ हो जाएंगे।इस गोचर के दौरान गुरू सूर्य, चंद्र और मंगल से होकर गुजरेगा। इसमें सूर्य और चंद्र जातक के लिए लाभ देने वाले नहीं होंगे जबकि मंगल थोड़ा बहुत लाभ दे सकता है। आठवें भाव के प्रभाव के कारण मंगल के नक्षत्र में गोचर के दौरान नौकरी के क्षेत्र में परेशानियां आ सकती हैं।लोगों को देखकर उनपर विश्वास न करें क्योंकि ऐसे किसी पर विश्वास करना आपको बदनामी दे सकता है।
- मीन: लग्न स्वामी सातवें घर में बैठा है। ये आपके आत्म विश्वास में बढ़ोत्तरी करेगा क्योंकि लग्न स्वामी की दृष्टि लग्न पर ही है।ये संभव है कि आपके अनैतिक रिश्ते बनें और आप अपने जीवनसाथी के साथ छल करें।अगर जीवनसाथी के साथ में लंबे समय से मनमुटाव चल रहा है तो यह समय है जब शांति से आप दोनों अलग हो सकते हैं।इसके अलावा अगर आप सब कुछ सुधार लेने की कोशिश कर रहे हैं तो वो भी हो सकता है। प्यार के मामलों में रोमांच और समर्पण दोनों ही होंगे।स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती है। इसके अलावा आपका बुरा चाहने वालों की तादात बढ़ेगी और आपको परेशान करेंगी।जब गुरू मंगल के नक्षत्र में प्रवेश करेगा तो आपके लिए कुछ बेहतर समय शुरू होगा।जीवनसाथी से लाभ होगा और लंबी यात्राओं के योग भी साफ दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोग विदेश यात्राओं पर भी जा सकते हैं।
भ्रष्टाचार करने वालों को नर्क में भुगतनी पड़ती है ये सज़ा
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