11 अगस्त, 2016 को गुरु का द्विस्वभाव राशि ‘कन्या’ में गोचर होगा। इस गोचर का भारत पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। पूर्व की घटनाओं पर नज़र डालें तो पता चलता है कि गुरु का जब-जब द्विस्वभाव राशि में गाचेर हुआ है तब-तब देश में सांप्रदायिक दंगें भड़के हैं। तो आइए एक नज़र डालते हैं कि इस बार गुरु के गोचर का देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा -:
1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस और देश में सांपद्रायिक दंगे भड़कने का एक प्रमुख कारण गुरु का कन्या राशि में गोचर भी था। गुरु के प्रभाव में आकर देश में सांप्रदायिक दंगे भड़के और देश की अखंडता का ह्रास हुआ था।
इस बार गुरु के गोचर के दौरान ही यूपी राज्य में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में गुरु के प्रभाव में यूपी जैसे सांप्रदायिक राज्य में दंगे होने की पूर्ण संभावना है।
भारत की कुण्डली में गुरु इस गोचर में पंचम भाव में रहेगा जहां से भाग्य स्थान को पूर्ण दृष्टि से देखने पर व्यवसायियों को लाभ की संभावना है।
देश को तीर्थांटन अथवा धार्मिक यात्राओं से आर्थिक लाभ होगा।
इस गोचर के दौरान महिलाएं अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें अन्यथा उनके लिए कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या खड़ी हो सकती है।
सट्टा और सोने के व्यापारियों के लिए यह समय संघर्ष से परिपूर्ण रहेगा। इन्हें लाभ मिलने की काफी कम संभावना है।
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