इस समय मीडिया और बिजनेस के गलियारों में टाटा ग्रुप छाया हुआ है। व्यापार जगत के दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा ने अपनी कंपनी के लिए सही निर्णया लिया है या नहीं, ये जानने के लिए मैंनें टाटा ग्रुप की कुंडली का आंकलन किया। टाटा ग्रुप की कुंडली इस प्रकार है :
शत्रुओं की हार और जीत का आंकलन करने के लिए हमे कुंडली के छठे भाव की प्रबलता को देखना पड़ेगा। छठे भाव का उपस्वामी सूर्य है। वह ग्यारहवें घर में राहु के नक्षत्र और गुरु के उपनक्षत्र में बैठा है। अत: सूर्य दसवें भाव से मजबूती से जुड़ा हुआ है।
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कुंडली में लग्न भाव का उप स्वामी मंगल है जोकि शुक्र के नक्षत्र में है और केतु उपनक्षत्र में है। मंगल पहले से दसवें भाव से जुड़ा हुआ है। सातवें भाव का उपस्वामी राहु है जोकि शुक्र के नक्षत्र में है और सूर्य उपनक्षत्र में है। अत: राहु 1-10 भावों से जुड़ा हुआ है।
अत: टाटा ग्रुप की कुंडली का आंकलन कर यह कहा जा सकता है कि रतन टाटा ने बहुत ही कम समय में प्रभावी रूप से परिस्थिति को संभाल रखा है। छठे भाव का उप स्वामी सूर्य और गुरु से संबंधित है। यह दशा संकेत करती है कि टाटा ग्रुप को अपनी परेशानियों से निपटने के लिए किसी सरकारी अधिकारी या कानूनी सलाहकार की मदद लेनी चाहिए।
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