खाटू श्याम बाबा भगवान कृष्ण के कलयुग अवतार हैं। श्री खाटू श्याम जी को हारे का सहारा कहा जाता है। बाबा के दरबार में जो भी भक्त आता है कभी खाली हाथ नही जाता। बाबा के चमत्कारों के कारण ही उन्हे कलयुग प्रधान देवता कहा जाता है। खाटू श्याम बाबा की कथा महाभारत युद्ध के आरम्भ होने के समय की हैं, बाबा का पूर्व नाम बर्बरीक था। ये भीम के पुत्र घटोत्कच की संतान थे। बर्बरीक अपनी शक्ति, दान व निष्पक्षता के लिये जाने जाते थे। महाभारत के युद्ध में उनकी धनुर्विद्धा के आगे स्वयं कृष्ण भगवान उस समय घबरा गये थे, जब बर्बरीक ने संकल्प किया था की इस युद्ध में वह उस समय तक तटस्थ रहेंगे जब तक कौरव और पांडव में से कोई पक्ष कमजोर पडता हुआ दिखाई नहीं देगा तथा उस समय कमजोर पक्ष की तरफ से मैं युद्ध करुंगा। बर्बरीक इतने शक्तिशालि थे की वे मात्र तीन बाणों से महाभारत का युद्ध समाप्त कर सकते थे।
भीष्म ने कहा था ये दस महापाप कलियुग में नित्य बढते जाय…
कृष्ण भगवान ने बर्बरीक की शक्ति-परीक्षण हेतु बर्बरीक का मजाक उडाना आरम्भ कर दिया की ये बालक मात्र तीन बाण लेकर खेल-खेलने निकला है। अपना उपहास उडाये जाने पर वह बालक श्री कृष्ण से बोला इस युद्ध हेतु तो मेरा एक ही बाण प्रयाप्त है, तब कृष्ण भगवान एक पीपल के वृक्ष की ओर संकेत करते हुये बोले की इस वृक्ष के सभी पतों का छेदन कर वो अपनी बात सिद्ध करें, ऐसा कहते-कहते कृष्ण ने बडी चालाकी से एक पत्ता अपने पांव के नीचे छुपा लिया, तब उस महाधनुर्धर बर्बरीक ने एक बाण का संज्ञान करते हुये चलाया जब वह बाण वृक्ष के सभी पत्तों का छेदन कर भगवाण कृष्ण के पांव के इर्द-गिर्द मंडराने लगा तब बर्बरीक भगवान से बोले भगवन कृप्या अपना पैर उठा लिजिये।
जानिये कौन सी दिशा में मिलेगी आपको सफलता …..
भगवान कृष्ण जानते थे यदि बर्बरीक रहा तो वह कौरव के पक्ष से लडेगा और उसे हराना असम्भव होगा। इस लिये एक बार ब्राह्मण वेश धारण कर कृष्ण भगवान बर्बरीक के पास गये और मनवांछित दान का आग्रह किया। बर्बरीक ने संकल्प लेकर ब्राह्मण देवता को आश्वस्त किया की वे अपनी सामार्थ्य अनुसार दान अवश्य करेंगे। भगवान कृष्ण ने उस वीर से उसका शीश मांगा। बालक वीर ने क्षणभर में अपना मस्तिष्क ब्राह्मण को दान दे दिया। उस समय भगवान कृष्ण बालक बर्बरीक से अत्यधिक प्रसन्न होते हुये बोले हे वीर तुम निश्चल व निष्पक्ष हो तुम हारे का सहारा हो, तुम्हारे इस निस्वार्थ भावना से मैं तुम्हे अपना नाम देता हूं जगत तुम्हे मेरे नाम से जानेगा, तुम सबकी मनोकामनायें पूर्ण करने वाले कहलाओगें। बर्बरीक, श्री मोरवीनंदन खाटूश्याम जी, शीश के दानी, लखदातार, हारे का सहारा, मोरछडी धारक आदि नाम से जाने जाते हैं।
ज्योतिष व आयुर्वेद में अनेक दोषों का नाशक है ‘बिल्वपत्र’……
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8285282851
ज्योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : Astrologer on Facebook