राहुल गांधी का जन्म 19 जून को हुआ
कलियुग में पैसा ही सबसे ज्यादा ताकतवर है और जिनके पास पैसा है वो एक बेहतर जिंदगी जी रहें हैं और अपनी जिंदगी में सर्वोत्तम सुविधाओं का लुत्फ उठा रहे हैं। दरअसल, मैं विश्वास नहीं कर सकता कि कोई भी ऐसा शख्स होगा जो राहुल गाँधी की तरह रॉयल फैमिली में पैदा होना न चाहता हो। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या वाकई वे अपने जीवन से खुश हैं और अपनी जिंदगी का पूरा आनंद ले रहे हैं।
ऐसी कठिन तपस्या के बाद कांवडियों को मिलती है शिव की
मुझे ऐसा नहीं लगता, मैंने लोगों को उनका मजाक उड़ाते हुआ देखा है और कई बार वे अनजाने में कई ऐसी चीजें बोल जाते हैं जो कि उनकी खुद की पार्टी और नियमों के खिलाफ होता है। ये तो सब जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी में ‘चमचा संस्कृति’ का चलन ज्यादा है, लेकिन फिर भी लगता है कि राहुल की जिंदगी में कोई वास्तविक सुख नहीं है। मैंने उन्हें सिर्फ टीवी पर देखा है और कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे वो कुछ चीजें सिर्फ दूसरों के दबाव में आकर बोलते हैं जिनका खामियाजा उन्हें दूसरों के लिए हास्य का पात्र बनकर चुकाना पड़ता है।
जहां तक हमें पता है न तो वे शादीशुदा हैं और न ही उनकी कोई गर्लफ्रेंड है, कम से कम सार्वजनिक तौर पर तो नहीं। वे आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी हैं अतः संभव है जीवन की आपाधापी में समय न मिलता हो और आजकल वैसे भी महिलाओं को पैसा ज्यादा आकर्षित करता है जिसका सबसे सटीक उदाहरण है उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह।
वो लगातार इधर से उधर होते रहते हैं जिसके कारण उन्हें विपक्षी दलों की आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ता है मगर प्रश्न यह है की उनके रहने या न रहने से फर्क क्या पड़ता है और क्यों ? ये साधारण सा सवाल मेरा उन लोगों से है जो राहुल पर आरोप लगाते हैं। आखिरकार, राज्य और देश को चलाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार है, तो एक ही व्यक्ति के पीछे क्यों भागना। मेरा अनुमान है कि विपक्षियों को और कोई सही प्रतिद्वंदी नहीं मिला जिस कारण वे आसानी से टारगेट बनने वाले पर निशाना साध रहे हैं। ऐसे कृत्यों के लिए मेरे पास कोई और स्पष्टीकरण नहीं है।
राहुल गांधी का जन्म एक रॉयल परिवार में हुआ। वे एक बेटे, पौत्र, भाई, बहनोई और दोस्तों के दोस्त हैं और यही उनकी संपूर्ण पहचान है। जबसे हमने राजनीति को जाना है तब से अब तक उन्हें अपने दम पर कुछ भी हासिल करते हुए नहीं देखा। देश के लिए तो दूर की बात उन्होंने कभी अपने लिए भी कुछ प्रशंसनीय नहीं किया। आज मुझे लगा कि मै राहुल गांधी की जन्म पत्रिका देखकर उनके जीवन में किस चीज की कमी है इसका पता लगाऊं। जिससे वे कम से कम देश का नहीं तो अपना तो भला कर ही लें।
आज है सावन का पहला सोमवार, ये उपाय बना सकते हैं आप
जन्म पत्रिका के योगों पर एक नजर डालते हैं-:
इनकी पत्रिका में शुक्र लाभेश होकर लग्न में बहुत ही सुंदर योग बना रहा है | ऐसे जातक को कई कार्य स्वयम ही सिद्ध मिलते हैं और मित्रों की अच्छी गुणवत्ता रहती है |
अनफ्फा योग भी जीवन में सकारात्मकता को दर्शाता है।
उभयचर योग भी सफलता का परिचायक है।
विपक्षियों को परास्त करने के लिए विपरीत राज योग की उपस्थिति है।
व्यापार में वृद्धि के लिए अपनाएं ये मंत्र
कर्क लग्न के लिए लाभकारी सूर्य और मंगल 12वें भाव में है। बुध जोकि चन्द्र का शत्रु है वह लाभ में है और द्वादशेश है | राहु-केतु की अक्षरेखा (axis) 2-8 है जो कि इन ग्रहों की सबसे खराब स्थिति है। शनि दशम में होने के बाद भी कोई बहुत अधिक राजनितिक सफलता नहीं दिलवा पाया है , जबकि यह गुरु से द्रष्ट है | गुरु कुंडली में वक्री है | अतः जन्म समय में उनकी लग्न के सापेक्ष ग्रहों की युति और स्थिति सबल और निर्बल दोनों ही थी |
विशिष्ट बात ये है कि इनका जन्म संधि लग्न में हुआ है। चंद्र वृश्चिक में होने से नीच का हो गया है। चंद्रमा, बुध द्वारा द्रष्ट है। चंद्रमा भी राशि संधि में है। ग्रहों की गलत स्थिति का परिणाम राहुल के अनियमित कार्य, अस्पष्टता और अप्रभावी भाषण के रूप में बहुत बार देखने को मिल जाता है | नवाश में शुक्र भी नीच का हो गया है।
अगर आपके पास हैं ये चीजें तो भाग्यशाली हैं आप वरना…
सप्तम का स्वामी शनि, मंगल के साथ-साथ 7वें घर को देख रहा है। जो कि शादी में देरी का मुख्य कारण है। शनि शुक्र के नक्षत्र और बुध के उपनक्ष्त्र में है अतः यह 9वें और 12वें भाव से अधिक जुड़ा हुआ है | किन्तु वह सप्तम का स्वामी होने से सप्तम का कार्येष अवश्य है | मंगल की महादशा शुरू है जोकि भाव चक्र में 11वें भाव में है | मंगल की दशा 2014 से आरंभ है और तभी से उनके स्वभाव में आक्रामकता देखी जा रही है। शनि अंतर की शुरूआत अगस्त 2016 से लेकर सितंबर 2017 तक बनी रहेगी। 7-11 के मजबूत संयोग के कारण इस समय शादी के प्रबल योग बन सकते हैं। जन्म पत्रिका के अनुसार इनका सबसे बलशाली समय समय सूर्य दशा में 1998-2004 में था लेकिन मंगल दशा में भी अनेक सकारात्मक संभावनाएं हैं।
मंगल 7,5,10,11 भावों का कार्येष है जिसमें प्रेम संबंध या प्रेम विवाह के आसार बन सकते हैं। व्यवसायिक तौर पर भी यह एक अच्छा समय होगा जिसमें वे अपनी पार्टी के शीर्ष पर होंगे और काफी मजबूत निर्णय लेते दिखेंगें।
दशम का उपनक्ष्त्र स्वामी बुध है जोकि स्वयं दशम में है | किन्तु यह बुध चंद्रमा के नक्षत्र में और गुरु के उपनक्ष्त्र में है | अतः दशम भाव को उतना बल नहीं दे पा रहा है क्योंकि यह ५,१०,१,३,१२ भावों का कार्येष है |
ऊर्जा बढ़ाने और बोली में मधुरता और पैनापन लाने के लिए राहुल जी को माणिक और ओपल धारण करना चाहिए। दिन प्रतिदिन बढ़ते प्रतिद्वंदियों को मात देने के लिए दिन में तीन बार बजरंग बाण का जाप करें। जेब में लाल रंग का रूमाल रखने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहेगी एवं जितना हो सके लाल रंग से निकटता बनाए रखें। ऐसा प्रयास करें की अधिक से अधिक लाल रंग के सामीप्य में रहे जैसे अपने घर की अंदरूनी दीवारों को लाल रंग से पुतवा सकते हैं | ये सब उपाय धीरे किंतु स्थिर सफलता की ओर बढ़ने में सहायता करेंगें। उनके शुभ भविष्य की कामना के साथ समाप्त करता हूँ |
सफलता की गारंटी देती हैं ये चीजें
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8285282851
ज्योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : Astrologer on Facebook