1: मेष लग्न में सूर्य पांचवें भाव का स्वामी होता है और लग्नेश मंगल का मित्र होता है। इस स्थिति में बौद्धिक क्षमता में वृद्धि, संतान-सुख और राजकृपा प्राप्त करने के लिए माणिक्य पहन सकते हैं। यहां सूर्य की महादशा में भी माणिक धारण किया जाता है।
2: मेष लग्न की कुंडली में चंद्रमा चौथे भाव का स्वामी होता है। चौथे भाव का स्वामी चंद्रमा मंगल का मित्र है अत: इस लग्न के व्यक्ति मानसिक शांति, मातृ-सुख, गृह-भूमि और विद्या लाभ के लिए मोती धारण करना लाभकारी होता है। यहां चंद्रमा की महादशा में यह रत्न पहनना लाभकारी होगा। यहां विशेष यह है कि यदि मोती मित्र मंगल के रत्न मूंगे के साथ पहना जाए तो विशेष लाभकारी होगा।
3: मेष लग्न में मंगल लग्न का स्वामी होता है। अत: इस लग्न के व्यक्ति को आजीवन मूंगा पहनना चाहिए। इस दशा में मूंगा आयुवृद्धि, स्वास्थ्य-लाभ एवं मान-सम्मान के लिए पहनते हैं।
4: मेष लग्न की कुंडली में बुद्ध दो अनिष्ट भावों अर्थात तृतीय और षष्ठ भाव का स्वामी होता है। इसलिए इस लग्न के व्यक्तियों को कभी भी पन्ना धारण नहीं करना चाहिए।
5: मेष लग्न की कुंडली में गुरू नौवें और बारहवें भाव का स्वामी होता है और लग्नेश मंगल का मित्र होता है। इसलिए पुखराज पहनना लाभदायक होता है। अगर इसे मूंगे के साथ पहना जाए तो यह ज्यादा लाभदायक होता है। 6: मेष लग्न में शुक्र दूसरे ओर सातवें भाव का स्वामी होता है, इस लिए यह इस लग्न के जातकों के लिए प्रबल मारेकेश है। अत: उन्हें हीरा नहीं पहनना चाहिए।
7: मेष लग्न की कुंडली में शनि दसवें और ग्यारवें भाव का स्वामी होता है। ये दोनों भाव शुभ है लेकिन इसके बाद भी ग्यारवें भाव का स्वामी शनि होने के कारण इसे मेष लग्न के लिए शुभ नहीं माना जाता है। अत: यदि शनि मेष लग्न में पहले, दूसरे, चौथे, पांचवे, नवे और दशवें भाव में हो तो शनि की महादशा में नीलम पहनना बहुत लाभप्रद होता है।
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guru ji sadar pranam
mera lagna MESH h, aur nakshatra BHARNI 4th hai, magar mai rashi k liye duvidha se rahat dilave,
ki mera rashi mesh hai ya vrishb.
mai OPAL aur NILAM pahananaa chahta hun
magar SHUKRA markesh hai aur SHANI ka nich hone se fal dayak hoga
to in ratno ko pahanu ya nhi pahanu duvidha se rahat dilave
koi kaam dhandha nhi hai abhi mere pas aur paiso ki bahut jyada aavashkta hai, mahina ka 60 haajar ka EMI hai aur incomw abhi kuch nhi hai,
bar bar mai paisa kamane k baad bhi nirdhan ho jata hun
meri pareshani aap samajh sakte hai kripya uchit marg prasast kare. aapaka aabhari
prachalit naam UMAKANT VERMA
DOB 19 MAY 1985
TIME (PATA NHI)
[GAON K JYOTISH NE 3:43:28 NIKALA HUWA HAI, magar CONFIRM NHI HAI mujhe]
JANM STHAN
CHHATTISGARH, RAIPUR , GRAM BADGAON 492101
MOBILE NUMBER 9669 69 5019
guru ji prabam