भगवान शिव से उत्पन्न रुद्राक्ष अनेक गुणों से सम्पन्न चमत्कारी फल है। रुद्राक्ष ज्योतिष शास्त्र में जितना प्रसिद्ध है उतना ही तंत्र मंत्र व आयुर्वेद के क्षेत्र में अपना प्रभाव रखता है। अनेक वैज्ञानिक व डॉक्टर रुद्राक्ष की भूरी भूरी प्रसंशा करते हैं। रुद्राक्ष को विभिन्न रोगों में प्रयोग किया जाता है। यह नर्म व शुष्क होता हैं । आयुर्वेदाचार्य इसे खट्टा, शीतल मानते हैं ।
21 रुद्राक्ष करेंगे 21 प्रकार से लाभ
1- त्रिदोष नाशक अर्थात वायु- पित्त- कफ नाशक होता हैं ।
2- चेचक, छोटी चेचक, ओदरी बोदरी ( दाने दार चर्म रोग) में रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता हैं ।
3- सन्निपात व मानसिक अवसाद दूर करता हैं । चंद्र के दोषों को दूर करने में रुद्राक्ष अत्यधिक लाभदायक है।
4- शहद में रुद्राक्ष घिस कर देने से कफ व छाती सम्बन्धी रोग शांत होते हैं ।
5- ब्लड प्रेशर रोगियो के लिये यह रामबाण हैं । रात्रि में रुद्राक्ष को जल में भिगोकर उसका सेवन करने से तुरंत राहत मिलती हैं ।
6- रुद्राक्ष हृदय रोग नाशक है । रुद्राक्ष का जल हृदय के लिये अत्यधिक कल्याणकारी होता है।
7 – रुद्राक्ष धारण करने से मिर्गी के दौरे नही पडते।
8- रुद्राक्ष कि भस्म व चूर्ण कई रोगो के लिये अत्यधिक सहायक हैं।
9- रुद्राक्ष धारण करने से क्रोध एवम रक्त विकार दूर होता हैं।
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