बम बम भोले से गूंजा सिंहस्‍थ का मेला

पारूल रोहतगी

वैदिक ज्‍योतिषाचार्य

भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में पवित्र शिप्रा नदी के तट पर लगने वाले सिंहस्थ मेले का भक्‍तों के बीच बड़ा महत्‍व है। हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान कुंभ का दृश्‍य बेहद भक्तिमय और मंत्रमुग्‍ध रहता है। प्रत्‍येक 12 वर्ष में शिप्रा नदी के किनारे होने वाले कुंभ मेले में लघु भारत का दृश्‍य प्रस्‍तुत होता है। कुंभ में स्‍नान करने से कई गुना अधिक पुण्‍य की प्राप्ति होती है और सारे पापों से मुक्‍ति मिलती है। देश-विदेश से करोड़ों की संख्‍या में आने वाले श्रद्धालु भक्‍तिरस में डूबे नजर आते हैं। क्‍या देशी और क्‍या विदेशी यहां हर कोई भारतीय संस्‍कृति को प्रणाम करता है। नागा बाबाओं और साधुओं के लिए तो कुंभ किसी त्‍योहार से कम नहीं है।

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इसका महत्व, इस मेले का उल्लास वही समझ सकता है जिसने इसे स्वयं महसूस किया हो। यह केवल एक मेला नहीं है, यह एक अद्भुत अनुभव है। चारों ओर श्रद्धालुओं, साधु, विद्वान, ऋषि-मुनि और वे परिवार जो कुंभ मेले के दौरान पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपने पाप धोने आते हैं उनकी भीड़ लगी रहती है। सिहस्‍थ मेला धार्मिक जागृति द्वारा मानवता, त्‍याग, सेवा, उपकार, प्रेम, अनुशासन, अहिंसा जैसे गुणों को स्‍थापित करता है।

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सिंहस्‍थ मेले की कथा

देवता और दानवों के बीच समुद्रमंथन के दौरान अमृत कलश निकला था। दानवों के साथ अमृत न बांटनें की इच्‍छा से देवराज इन्द्र के संकेत पर उनके पुत्र जयन्त ने अमृत कुम्भ लेकर भागने की चेष्‍टा की,  दानवों ने उनका पीछा किया। इसी दौरान अमृत कलश की चार बूंदें धरती पर गिरी थी। अमृत कलश को लेकर देवताओं और दानवों के बीच 12 दिनों तक युद्ध चला, जो धरती पर बारह वर्ष के बराबर है।

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इस वर्ष का कुंभ

मध्‍य प्रदेश के उज्‍जैन में आयोजित यह कुंभ 22 अप्रैल से लेकर 21 मई 2016 तक चलने वाला है। इस मेले में साधु केसरिया बाना पहने और माथे पर शिव विभूति लगाए दिखते हैं। यहां उपस्‍थित हर भक्‍त के चेहरे पर भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा झलकती है।

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शाही स्‍नान

सवा सात किलोमीटर के नए-पुराने घाटों में प्रथम स्नान 22 अप्रैल को हुआ। 9, 11, 17, 19 मई को अन्‍य स्‍नान की विधि पूरी की जाएगी। विश्‍व के लगभग 100 देशों से श्रद्धालु इस मेले में स्‍नान करने आएंगें। करोड़ों की संख्‍या में श्रद्धालु सिंहस्‍थ मेले में पहुंचे हैं।

अप्रैल में पेशवाई के साथ 1-6 मई को पंचक्रोशी यात्रा निकाली जाएगी।

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