दरिद्रता शब्द से संसार के सारे प्राणी दूर भागते हैं। कोई नहीं चाहता कि उसके जीवन में सुख-शांति के साधनों की कोई कमी रहे। धन का पर्याप्त भंडार हो, स्वस्थ्य शरीर का साथ हो, परिवारजनों का सहयोग मिले और जीवन की गाड़ी पटरी पर चलती रहे, यही चाहत सभी लोगों की होती है। लेकिन क्या सभी लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है? बिल्कुल नहीं।
कई घरों में धन का पर्याप्त आगमन होता है जिससे सभी खर्चे आसानी से निपटाए जा सकते हैं लेकिन प्रायः यह देखने को मिलता है कि लोगों के हाथ फिर भी खाली ही रहते हैं। अचानक उलटे-सीधे खर्चे सामने आ जाते हैं जिनपर पैसा खर्च हो जाता है और दरिद्रता की स्थिति आ जाती है। बना बनाया बजट बिगड़ जाता है और फिर महीने के आखिर में रोने जैसी स्थिति आ जाती है, ऐसा अकसर देखने को मिलता है।
वास्तुशास्त्र में इसके कई कारण बताए गए हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के नलों से निरंतर जल रिसाव होना भी दरिद्रता का एक कारण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आपके घर के नलों से निरंतर जल रिसाव होता हैं तो यह स्थिति शुभ नहीं होती । इसे एक बडा वास्तु दोष माना जाता हैं । जिसके कई बुरे परिणाम भी देखे गये हैं । वास्तुदोष कई तरह के होते हैं जिनके द्वारा आम जीवन में मनुष्य को तकलीफों का सामना करना पड़ता है। लोगों को इसकी जानकारी बहुत कम ही रहती है। ऐसा ही एक दोष है घर के नलों से पानी का रिसना।वास्तु के अनुसार घर के नलों से पानी के रिसने के कारण इन तकलीफों का सामना करना पड़ता हैः-
1. खर्चे रुकते नहीं बल्कि बढ़ते चले जाते हैं।
2. धन का संचय नहीं हो पाता।
3. अधिकतर धन का खर्च अस्पताल, कोर्ट कचहरी में होता है।
4. बुरे कामों में भी धन खर्च होता है।
5. घर के मुख्य सदस्य को सांस या ह्रदय से संबंधित बीमारी होती है।
यदि आपके घर में भी वास्तु से जुड़ा यह दोष है और इसकी पीड़ा ने आपका जीना मुहाल कर दिया है तो तुरंत उपाय करें।
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