1 पहला घर -: ग्यारहवें घर के स्वामी की दशा चलने पर जातक अत्यधिक पैसा कमाता है। उसका जन्म धनी परिवार में होता है।
2 दूसरा घर -: ग्रहों के उचित स्थान पर होने की स्थिति में जातक के अपने भाइयों के साथ अच्छे संबंध बनते हैं। दोस्तों से इन्हें अत्यधिक फायदा होता है एवं यह वाणिज्य और बैंकिंग के क्षेत्र में खूब पैसा कमाते हैं।
3 तीसरा घर -: इन जातकों को अपने भाइयों और पड़ोसियों से लाभ होता है। यह संगीतकार या गायक बनते हैं।
4 चौथा घर -: इन जातकों को बेहद खूबसूरत पत्नी और शिक्षित माता का सान्निध्य मिलता है। यह जमीन-जायदाद से पैसा कमाते हैं।
5 पांचवा घर -: इन जातकों के अधिक बच्चे होते हैं। यह जुआ और सट्टा से पैसा कमाते हैं। इस घर के स्वामी के प्रभावित होने पर यह बुरे कामों में निप्त रहते हैं।
6 छठा घर -: इन जातकों को अस्पताल, कोर्ट और माता के परिजनों से लाभ होता है। अपनी हानि होने पर ये जातक उत्तेजित हो जाते हैं एवं हेराफेरी करते हैं।
7 सातवां घर -: इन जातकों का विवाह एक से अधिक बार होता है। लेकिन यदि लग्नेश स्वामी का प्रभाव प्रबल होता है तो इन्हें एक ही जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। घर के स्वामी के प्रभाववित होने की स्थिति में यह जातक देह व्यापार में फंस जाते हैं। विदेश से लाभ पाने की संभावना होती है।
8 अष्टम् घर -: ग्रह के प्रभावित होने पर जातक को भीख मांगने के लिए मजबूर किया जा सकता है। अन्यथा इन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ता है।
9 नवम् घर -: यह धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं और अनेक धार्मिक संस्थानों में सेवा करते हैं। यह सुख-समृद्धि से संपन्न होते हैं।
10 दसवां घर -: इन्हें अकादमिक क्षेत्र में कई पुरस्कार मिलते हैं। इनको अपने बड़े भाई से लाभ प्राप्त होता है। यह एक सफल व्यापारी होते हैं लेकिन इनकी आय ग्रहों की प्रबलता पर निर्भर करती है।
11 ग्यारहवां घर -: अत्यधिक योग्य योग में पैदा होने के कारण इन जातकों को सुख और संतुष्टि दोनों ही मिलती हैं।
12 बारहवां घर -: इन्हें अपने एक भाई को खोना पड़ता है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधो पर होती है। 11वें घर के स्वामी के अनुचित स्थान पर स्थित होने एवं चंद्र के 3,5,7 घर में होने की दशा में जातक को अत्यंत गरीबी में निर्वाह करना पड़ता है। 12वें घर से पहले या बाद में ग्रहों के स्थित होने की दशा में जातक का भाई अत्यंत प्रभावी एवं सफल हो सकता है।