राहू केतु की इस स्थिति में आप खुद को भी समझ नहीं पाते। आप कठोर फैसले नहीं ले पाते हैं और अपनी बातों को लोगों तक सही से पहुंचा भी नहीं पाते। इस कारण से आपके संबंध भी दूसरों से अच्छे नहीं होते। आपको अपनी पहचान खो देने का भय हमेशा रहता है और कई बार तो आप अपनी अंतरात्मा की आवाज भी नहीं सुनते। आप अकेलापन पसंद करते हैं और दूसरों के सामने कुछ भी कहने से घबराते हैं क्योंकि आप चाहते हैं कि लोग आपके बारे में अच्छा सोचें। इसी कारण से आप डरते हैं कि कहीं आपने कुछ गलत कह दिया तो इससे लोग आपके बारे में बुरा सोचेंगे। यह आपको दूसरों पर निर्भर बनाता है। राहू-केतु की यह स्थिति व्यक्ति को मानसिक शांति नहीं देती है और न ही दूसरों के साथ व्यक्ति सही से रह पाता है। स्वास्थ्य सम्बन्धी छोटी मोटी परेशानियां आपको हमेशा परेशान करती रहती हैं। साथ ही मानसिक रूप से भी आप पूरी तरह से स्थिर नहीं रह पाते हैं। कई बार राहू केतु की यह स्थिति दांतों को टेढ़ा मेढ़ा बना देती है।