इस स्थिति में राहू और केतु के होने कारण आप ऐसी बातों में उलझे रहते हैं जिनका वास्तविक जीवन से कोई सरोकार ही नहीं होता। बेकार की परेशानियों को खुद को झोंक देते हैं और जीवन की सकारात्मक चीजों के बारे में विचार भी नहीं कर पाते। ऐसा भी संभव है कि इस स्थिति में राहू और केतु आपको ईश्वर के प्रति नास्तिक और धर्म के प्रति कर्त्वय शून्य बना रहे हों। मानसिक रोग और अनिंद्रा ऐसे में सामान्य सी चीज है जो आपको परेशान कर सकती है। आप अपने ही विचारों और अपनी ही चीजों के भंवर में फंस कर रह गए हैं। आपमें अनायास ही कुंठा ने जगह बनाई हुई है जिस कारण आप बहुत खुश नहीं रह पाते।