नवरात्र के शुभ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन पवित्र दिनों में मां दुर्गा के भक्त विशेष रूप से उनकी पूजा करते हैं और नौ दिनों तक उनकी भक्ति में लीन रहते हैं। इस बार नवरात्र 10 अक्टूबर से आरंभ होकर 18 अक्टूबर को समाप्त हो रही हैं।
नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कूष्मांडा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नवरात्र के नौवे और अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्र के दिन बेहद शुभ माने जाते हैं। साल में चार बार नवरात्र आती है जिसमें से चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र का ज्यादा महत्व है। बाकी दो गुप्त नवरात्र तंत्र सिद्धियों के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है।
मां दुर्गा को प्रसन्न करने और मनोकामना की पूर्ति हेतु नवरात्र में सच्चे मन से उनकी भक्ति करें।
नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा।
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना होती है। मां दुर्गा का यह दूसरा स्वरूप प्रेम और उदारता का प्रतीक है।
नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां अपने भक्तों की सभी प्रकार की बाधाओं, संकटों से रक्षा करती हैं।
नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। मां किसी भी रोग को तुरंत नष्ट करने की शक्ति रखती हैं।
नवरात्र के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता अपने भक्तों को सुख-शांति प्रदान करती हैं।
मां दुर्गा के नवरात्र के छठे दिन कात्याकयनी देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां कात्या यनी सिंह पर विराजमान रहती हैं।
नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि का नाम शुभंकारी भी है।
नवरात्र के आठवें दिन देवी के आठवें स्वरूप देवी महागौरी का पूजन होता है। महागौरी की शक्ति कभी विफल नहीं जाती।
नवमी तिथि को मां दुर्गा के नौवें स्वरूप देवी सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं।
नवरात्रि से पावन और शक्तियों से भरपूर समय कोई दूसरा नहीं होता। इन नौ दिनों के दौरान की गई आराधना और प्रार्थना विशेष फल देने वाली होती है। इसलिए अपने प्रिय पाठकों के लिए AstroVidhi.com ने इस नवदुर्गा में विशेष अनुष्ठान करने और इस नौ दिन के अनुष्ठान में मां के चरणों में 1001 नवदुर्गा यंत्र रखकर उन्हें अभिमंत्रित करके लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है।
इस अनुष्ठान की शुरूआत पहले नवरात्र (10 अक्टूबर) को सुबह 11 बजे से शुरू होगा। इस अनुष्ठान में कोई भी फेसबुक के द्वारा शामिल हो सकता है। और यदि आप इस अनुष्ठान में विभिन्न फल प्राप्ति के लिए संकल्प लेकर पूजा करवाना चाहते हैं तो उसके लिए मात्र 2100/- रू की सहयोग राशि देकर अपना स्थान नियत करवाना होगा।
माता के चरणों में आपके नाम से जो अर्जी लगाई जाएगी वह विश्व प्रख्यात ब्रहाम्ण पं. सूरज शास्त्री द्वारा सम्पूर्ण वेदिक नियमों के अनुसार होगी। जिनके साथ जाने-माने ज्योतिषाचार्य आचार्य रमन भी होंगे।
अपने जीवन से कष्टों को दूर करके मनवांछित फल प्राप्त करने का इससे बेहतर समय कोई और नहीं है। इसलिए नवरात्र की इस पूजा में आप AstroVidhi.com के साथ शामिल हों, माता के चरणों में स्थापित अभिमंत्रित नवदुर्गा यंत्र की अपने घर में स्थापना करें और अपने कष्टों से मुक्ति पाएं।
अभिमंत्रित यंत्र की बुकिंग अथवा पूजा-अनुष्ठान में शामिल होने की जानकारी के लिए 8882540540 अथवा 8285282851 पर शीध्र संपर्क करें।