नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व है। मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयंकर है किंतु देवी सदैव शुभ फल प्रदान करती हैं। इसी कारण मां कालरात्रि का नाम शुभंकारी भी है। मां कालरात्रि से भक्तों को भयभीत या आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है।
मां कालरात्रि का जन्म दुष्टों के विनाश के लिए हुआ था। दानव, दैत्य, राक्षस और भूत-प्रेत इनके नाम से ही कांपते हैं। मां कालरात्रि की उपासना से ग्रह-बाधाएं भी दूर होती हैं। देवी कालरात्रि के उपासकों को अग्नि, जल, जंतु, शत्रु और रात्रि से कभी भय नहीं लगता। देवी कालरात्रि की कृपा से उनका उपासक सर्वथा भय मुक्त हो जाता है।
मां कालरात्रि के स्वरूप विग्रह को अपने ह्रदय में अवस्थित कर साधक को एकनिष्ठ भाव से उनकी उपासना करनी चाहिए। देवी के हर भक्त को यम, नियम और संयम का पूर्ण पालन करना चाहिए।
मां दुर्गा का ये सातवां स्वरूप सिद्धि और सफलता प्रदान करता है। तांत्रिक क्रियाओं के लिए नवरात्र का सातवां दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। तंत्र क्रिया के लिए तांत्रिक सातवें नवरात्र की अर्धरात्रि को पूजन करते हैं। सातवें दिन देवी कालरात्रि के नेत्र खुले होते हैं और इस दिन छठे नवरात्र पर आमंत्रित हुई विल्व को भी पूजन में शामिल किया जाता है।
इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा अन्य नवरात्र के दिनों की तरह ही होती है किंतु सप्तमी की अर्धरात्रि को देवी को विशेष भोग और अनुष्ठान किए जाते हैं।
सप्तमी के दिन देवी कालरात्रि के पूजन में कलश के साथ-साथ अन्य ग्रहों और देवी कालरात्रि के परिवार के सदस्यों का पूजन करना चाहिए। इसके पश्चात् देवी कालरात्रि के इस मंत्र का जाप करें -:
देवया यया तामिंड जगदतमाशक्ता, निशेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्तेया, तंबिकंखिलेदवाहामरिषिपूज्या, भक्ता नाताह स्मा विदाधातु शुभानी सा नम्।।
देवी कालरात्रि के पूजन के पश्चात् भगवान शिव और ब्रह्मा जी का भी पूजन करें। देवी कालरात्रि को अनार और गुड़ बहुत प्रिय हैं इसलिए सप्तमी के दिन देवी कालरात्रि को अनार और गुड़ का भोग लगाएं।
मां कालरात्रि को मदिरा भी अर्पित करने का विधान है। सप्तमी की रात्रि को रात्रि सिद्धियों की भी कहा जाता है।
या देवी सर्वभूतेषू मां कालरात्रि रूपेणु संस्थिान।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
स्तोत्र
हीं कालरात्रि श्रीं कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।
कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता।।
कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।
कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी।।
क्लीं ह्रीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकझटकघातिनी।
कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागम।।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी।।
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयड्करी।।
यदि आपके दुश्मन आप पर हावी हो रहे हैं या चारों तरफ आप अपने विरोधियों से घिर गए हैं तो आपको मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए। देवी कालरात्रि की कृपा से आपके शत्रु परास्त होंगें।
त्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातं समरमुर्धनि तेअपि हत्वा।
नीता दिवं रिपुगणा भयमप्यपासत मस्माकमुन्मद सुरारिभवम् नमस्ते।।
सप्तमी के दिन तांत्रिक विशेष रूप से मां कालरात्रि का पूजन करते हैं।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
नवरात्रि से पावन और शक्तियों से भरपूर समय कोई दूसरा नहीं होता। इन नौ दिनों के दौरान की गई आराधना और प्रार्थना विशेष फल देने वाली होती है। इसलिए अपने प्रिय पाठकों के लिए AstroVidhi.com ने इस नवदुर्गा में विशेष अनुष्ठान करने और इस नौ दिन के अनुष्ठान में मां के चरणों में 1001 नवदुर्गा यंत्र रखकर उन्हें अभिमंत्रित करके लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है।
इस अनुष्ठान की शुरूआत पहले नवरात्र (10 अक्टूबर) को सुबह 11 बजे से शुरू होगा। इस अनुष्ठान में कोई भी फेसबुक के द्वारा शामिल हो सकता है। और यदि आप इस अनुष्ठान में विभिन्न फल प्राप्ति के लिए संकल्प लेकर पूजा करवाना चाहते हैं तो उसके लिए मात्र 2100/- रू की सहयोग राशि देकर अपना स्थान नियत करवाना होगा।
माता के चरणों में आपके नाम से जो अर्जी लगाई जाएगी वह विश्व प्रख्यात ब्रहाम्ण पं. सूरज शास्त्री द्वारा सम्पूर्ण वेदिक नियमों के अनुसार होगी। जिनके साथ जाने-माने ज्योतिषाचार्य आचार्य रमन भी होंगे।
अपने जीवन से कष्टों को दूर करके मनवांछित फल प्राप्त करने का इससे बेहतर समय कोई और नहीं है। इसलिए नवरात्र की इस पूजा में आप AstroVidhi.com के साथ शामिल हों, माता के चरणों में स्थापित अभिमंत्रित नवदुर्गा यंत्र की अपने घर में स्थापना करें और अपने कष्टों से मुक्ति पाएं।
अभिमंत्रित यंत्र की बुकिंग अथवा पूजा-अनुष्ठान में शामिल होने की जानकारी के लिए 8882540540 अथवा 8285282851 पर शीध्र संपर्क करें।