कुंडली में बृहस्पति और राहु का किसी भी तरह संबंध होने से गुरु चंडाल दोष का निर्माण होता है। छाया ग्रह राहु के प्रभाव में आने से गुरु भी अशुभ फल देने लगता है। चंडाल दोष को साढ़ेसाती, कालसर्प दोष और मंगल दोष से भी भयंकर माना गया है।
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कुंडली में बृहस्पति और राहु का किसी भी तरह संबंध होने से गुरु चंडाल दोष का निर्माण होता है। छाया ग्रह राहु के प्रभाव में आने से गुरु भी अशुभ फल देने लगता है। चंडाल दोष को साढ़ेसाती, कालसर्प दोष और मंगल दोष से भी भयंकर माना गया है।
अगर कुंडली में चंडाल दोष बनता है तो जातक षड्यंत्र रचता है, अनैतिक व्यवहार अपनाता है, उसका पराई स्त्रियों में मन लगता है एवं उसका चारित्रिक पतन होता है। इसके अलावा राहु - चोरी, जुआ, सट्टा, अनैतिक तरीके से धन अर्जन की प्रवृत्ति, मद्यपान सहित हिंसक व्यवहार आदि प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है।
धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी।
चंडाल दोष के निवारण हेतु पूजन की अनेक विधि हैं। सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। चंडाल दोष की शांति के लिए नौ ग्रहों को उनके मंत्रों द्वारा शांत किया जाता है।
पूजा का समय शुभ मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।
नाम एवं गोत्र, पिता का नाम
जन्म तारीख, स्थान
पूजा का प्रसाद
यंत्र और सूखा प्रसाद
आप AstroVidhi के Customer Care Number 8285282851 पर संपर्क करके चंडाल दोष निवारण पूजन का अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए करवाने का समय ले सकते हैं।
जिस किसी के लिए चंडाल दोष की शांति के लिए आप ये पूजा करवाना चाहते हैं उसका नाम, जन्म स्थान, गोत्र और पिता का नाम अवश्य ज्ञात होना चाहिए।