मेरु श्रीयंत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। श्री यंत्र को धन की देवी मां लक्ष्मी का निवास स्थान कहा जाता है। मेरु स्वरूप में श्रीयंत्र और भी ज्यादा भाग्यशाली और शुभ हो जाता है।
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अभिमंत्रित: | फ्री अभिमन्त्रण आचार्य रमन जी द्वारा |
मेरु श्रीयंत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। श्री यंत्र को धन की देवी मां लक्ष्मी का निवास स्थान कहा जाता है। मेरु स्वरूप में श्रीयंत्र और भी ज्यादा भाग्यशाली और शुभ हो जाता है।
जिस श्रीयंत्र की बनावट सुमेरु पर्वत की तरह होती है उसे मेरु पृष्ठ कहा जाता है। ब्रांस से बने यंत्र अधिकांशत: मेरु पृष्ठकार होते हैं।
सुख और समृद्धि की कामना रखते हैं तो अपने घर में धन रखने के स्थान एवं तिजोरी में मेरु श्रीयंत्र की स्थापना करें। आप स्वयं देखेंगें कि आपके पैसे और व्यापार में दिन दून रात चौगुनी वृद्धि होगी।
मेरु श्रीयंत्र के अत्यधिक शुभ प्रभाव पाने के लिए इसका अभिमंत्रित होना बहुत जरूरी है। अभिमंत्रित होने के बाद मेरु श्रीयंत्र के दोगुने शुभ फल प्राप्त होते हैं।
सबसे पहले अपने घर के पूजन स्थल में पूर्व की दिशा में मेरु श्रीयंत्र की स्थापना करें। अब गंगाजल में केसर और दूध मिलाकर इसे स्नान कराएं। इसके पश्चात् दोबारा इसे पानी से साफ करें।
साफ कपड़े से मेरु श्रीयंत्र को साफ करें। अब इसके आगे फूल और फल अर्पित करें। धूप और अगरबत्ती दें। 108 बार मेरु श्रीयंत्र के मंत्र का जाप करें। मंत्र है –
‘ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलाये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊं महालक्ष्माये नम:’
आप अभिमंत्रित मेरु श्रीयंत्र AstroVidhi से भी प्राप्त कर सकते हैं। AstroVidhi से लिए गए मेरु श्रीयंत्र को मां लक्ष्मी के विशेष मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित कर आपके पास भेजा जाएगा।