कोई भी जातक अगर अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल आदि नक्षत्रों में जन्मा है तो उस जातक की कुंडली में गंडमूल दोष उत्पन्न होता है।
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कोई भी जातक अगर अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल आदि नक्षत्रों में जन्मा है तो उस जातक की कुंडली में गंडमूल दोष उत्पन्न होता है।
गंडमूल नक्षत्र में जन्मे जातक ना सिर्फ अपने लिए बल्कि अपने परिवार के लिए भी परेशानी बन जाते हैं। लेकिन ध्यान रहे इस नक्षत्र के शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। अशुभ फल में जातक का जीवन परेशानियों में उलझा रहता है। ये जातक अपने पिता के लिए कष्टकारी होते हैं।
गंडमूल दोष की पूजन विधि :
गंडमूल नक्षत्र की शांति के लिए अनेक तरह के उपाय किए जाते हैं जिसमें से मंत्रों द्वारा किया जाने वाला उपाय सर्वोपरि है। जिस नक्षत्र में जातक का जन्म हुआ है उसी नक्षत्र में उसकी पूजा होती है।
पूजा का समय : पूजा का समय शुभ मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।
यजमान द्वारा वांछित जानकारी : नाम एवं गोत्र, पिता का नाम
जन्म तारीख, स्थान ||
कैसे प्राप्त करें यह सौभाग्य : आप AstroVidhi के Customer Care Number 8882540540 पर संपर्क करके गंडमूल पूजन अपने या अपने परिवार के किसी सदस्यं के लिए करवाने का समय ले सकते हैं। जिस किसी के लिए आप ये पूजा करवाना चाहते हैं उसका नाम, जन्मम स्था।न, गोत्र और पिता का नाम अवश्यि ज्ञात होना चाहिए।