लाजवर्त को अंग्रेजी में लैपिस लजुली भी कहा जाता है। शनि और राहू-केतु के दोषों को एकसाथ शांत करने के लिए इस रत्न को धारण किया जाता है। कहा जा सकता है कि इन तीनों क्रूर ग्रहों को एकसाथ शांत और प्रसन्न करने का ये एकमात्र उपाय है।
डिलीवरी: | 5-8 दिनों में डिलीवरी |
मुफ़्त शिपिंग: | पूरे भारत में |
फ़ोन पर ख़रीदें: | +91 82852 82851 |
अभिमंत्रित: | फ्री अभिमन्त्रण आचार्य रमन जी द्वारा |
विवरण
प्रोडक्ट नाम: | लाजवर्त |
भार: | 5-10 रत्ती |
मूल: | भारत |
अभिमंत्रित: | पंडित सूरज शास्त्री |
लाजवर्त को अंग्रेजी में लैपिस लजुली भी कहा जाता है। शनि और राहू-केतु के दोषों को एकसाथ शांत करने के लिए इस रत्न को धारण किया जाता है। कहा जा सकता है कि इन तीनों क्रूर ग्रहों को एकसाथ शांत और प्रसन्न करने का ये एकमात्र उपाय है।
इसे शनिवार के दिन ही धारण करना चाहिए। इस रत्न को आप चांदी की अंगूठी या लॉकेट में पहन सकते हैं। इस रत्न को सीधे हाथ ही मध्यमा ऊंगली में धारण करनी चाहिए। धारण करने से पूर्व इस रत्न की अंगूठी या लॉकेट को सरसों या तिल के तेल में 4 घंटे डुबोकर रखें। इसके बाद रत्न को किसी नीले रंग के वस्त्र पर रखें।
अब ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम: मंत्र का 108 बार जाप करें और धूप-नैवेद्य आदि दें। इसके पश्चात् आप इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
अभिमंत्रित लाजवर्त धारण करना ही फायदेमंद होता है।
AstroVidhi के सभी रत्नों को अनुभवी ज्योतिषाचार्यों द्वारा सिद्ध मंत्रों से अभिमंत्रित किया जाता है इसलिए AstroVidhi से अभिमंत्रित लाजवर्त खरीदने से आपको दोगुना लाभ होगा।