दाना फ़िरंग को किडनी स्टोन या मैलाकाइट भी कहते है। यह एक सेमीप्रीसियस स्टोन है। यह कॉपर कार्बोनेट हाइड्रोक्साइड मिनिरल है, जो कि ऊपर से कुछ दबा हुआ हरे रंग का रत्न होता है। यह रत्न प्रायः नामिबिया, कांगो, फ्रांस, चिली, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। यह रत्न दिखने में बहुत ही सुंदर और आकर्षक होता है, इसमें बनी हरे- सफेद रंग की धारियों को देखकर इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। यह रत्न ओपेक आकार का तथा बीच में से थोड़ा दबा हुआ होता है।
डिलीवरी: | 5-8 दिनों में डिलीवरी |
मुफ़्त शिपिंग: | पूरे भारत में |
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अभिमंत्रित: | फ्री अभिमन्त्रण आचार्य रमन जी द्वारा |
दाना फ़िरंग को किडनी स्टोन या मैलाकाइट भी कहते है। यह एक सेमीप्रीसियस स्टोन है। यह कॉपर कार्बोनेट हाइड्रोक्साइड मिनिरल है, जो कि ऊपर से कुछ दबा हुआ हरे रंग का रत्न होता है। यह रत्न प्रायः नामिबिया, कांगो, फ्रांस, चिली, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। यह रत्न दिखने में बहुत ही सुंदर और आकर्षक होता है, इसमें बनी हरे- सफेद रंग की धारियों को देखकर इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। यह रत्न ओपेक आकार का तथा बीच में से थोड़ा दबा हुआ होता है।
दाना फ़िरंग रत्न उपरत्न होने के बावजूद भी काफी असरदार रत्न है। यह एक प्रकार से समुद्री काई है, जो कि जहाजों के नीचे जमा हो जाती है और धीरे धीरे यह पत्थर की तरह सख्त हो जाती है, इसे बहुत प्राचीन काल से चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है। हीलिंग थेरेपी में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
सामान्यतः दाना फ़िरंग रत्न धारण करने का कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है इसलिए इसे पहनने से कोई नुकसान नहीं होता।
वैदिक ज्योतिष में इस रत्न के बारे में बहुत कम सुना और देखा गया है। कुछ लोग इसे शुक्र ग्रह का उपरत्न मानते है और कुछ लोग इसे बुध का उपरत्न मानते है यह दोनों का प्रभाव देता है।
लेकिन इसे पश्चिम ज्योतिष में अप्रैल माह का बर्थस्टोन कहा गया है जो कि वृषभ (टॉरस) राशि से संबंधित है। इसे मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ लग्न वालों को धारण करने से भी लाभ होता है।
नशे की आदत छुड़ाने में सबसे प्रभावशाली होता है दाना फ़िरंग रत्न जो जातक किसी भी प्रकार का नशा करता हो, वह अगर नशे की लत से छुटकारा पाना चाहता है तो दाना फ़िरंग रत्न अवश्य धारण करे।
दाना फ़िरंग रत्न अंगूठी को बुधवार की सुबह दाएँ हाथ की कनिष्ठा या शुक्रवार के दिन मध्यमा ऊँगली में धारण करना लाभकारी होता है। याद रखे कि अंगूठी मे दाना फ़िरंग रत्न कम से कम सवा पांच रत्ती से लेकर आठ रत्ती का अवश्य होना चाहिये।
दाना फ़िरंग जड़ित अंगूठी को हमारे अनुभवी ज्योतिषी पंडित सूरज शास्त्री जी द्वारा अभिमंत्रित किया गया है, जिससे यह आपको जल्द ही शुभ फल दे। इस अंगूठी के साथ सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।