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शुभ लाभ पूजा

शुभ लाभ पूजा

शास्त्रों के अनुसार श्री गणेश प्रथम पूजनीय है, गणेश जी के दो पुत्र हैं लाभ और क्षेम जिनको शुभ-लाभ भी कहा जाता है। संसार में श्रेष्ठ पुत्र होने का प्रथम स्थान प्राप्त करने का सौभाग्य शुभ और लाभ को ही मिला है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाकर शुभ-लाभ लिखने से हमेशा घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

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शास्त्रों के अनुसार श्री गणेश प्रथम पूजनीय है, गणेश जी के दो पुत्र हैं लाभ और क्षेम जिनको शुभ-लाभ भी कहा जाता है। संसार में श्रेष्ठ पुत्र होने का प्रथम स्थान प्राप्त करने का सौभाग्य शुभ और लाभ को ही मिला है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाकर शुभ-लाभ लिखने से हमेशा घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

हमारे जीवन में किसी भी पूजा का शुभारंभ बिना स्वस्तिक के नहीं किया जाता स्वस्तिक श्री गणेश का ही प्रतीक स्वरुप है और दोनों तरफ दो-दो रेखाएं उनकी पत्नियाँ रिद्धि और सिद्धि है और दो पुत्र शुभ और लाभ है। शुभ लाभ पूजन से न केवल धन की प्राप्‍ति होती है बल्कि शुभ लाभ समृद्धि के द्वार खोलता है और उसे स्थायी व सुरक्षित रखते हैं इसके साथ ही आपके जीवन की सभी समस्‍याओं का निवारण करते है। उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य और दीर्घायु की प्राप्‍ति के लिए शुभ लाभ पूजन करवाया जाता है। शुभ लाभ के लाभ अपार है यह लक्ष्मी और ज्ञान प्रदान करता हैं।

शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, तो उनकी पत्नियां ऋद्धि-सिद्धि यशस्वी, वैभवशाली और सम्मानित बनाने वाली होती है, इसी के साथ शुभ-लाभ हर सुख-सौभाग्य,वैभव धन, शांति, ख़ुशी देते हैं और उसे स्थायी व सुरक्षित रखते हैं। ऐसी मान्यता है की शुभ काल को जीतनेवाला और लाभ ज्ञान तथा लक्ष्मी का मार्ग सुगम करने वाला है।   

ऐसे ही सुख-सौभाग्य की चाहत पूरी करने के लिए श्री गणेश के साथ ऋद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ का विशेष मंत्रों से ध्यान और पूजा बहुत ही फलदायी मानी गई है। 

किसे करनी चाहिए यह पूजा

यह पूजा कोई भी करवा सकता है, इस पूजन से आपके जीवन से धन की कमी हमेशा के लिए पूरी तरह से दूर हो जाती है। कर्ज में दबे या गरीबी से परेशान लोगों के लिए शुभ लाभ पूजा किसी चमत्‍कार से कम नहीं है। इससे दीर्घायु का आशीर्वाद भी मिलता है। परिवार में खुशहाली आती है और समाज में मान-सम्‍मान बढ़ता है। वैवाहिक सुख की प्राप्‍ति होती है तथा संतान सुख मिलता है। इस पूजन से जीवन में सदा धन-वैभव बना रहता है।

आर्थिक परेशानियों से घिरे और तंगहाली या व्‍यापार में घाटा चल रहा हो तो ऐसे में परिवार के साथ शुभ-लाभ की पूजा करने से इन सभी समस्‍याओं से छुटकारा मिल जाता है।

शुभ लाभ पूजन विधि

  • इस पूजन में बैठने के बाद पूजा स्थल पर एक चौकी रखे और उस पर शुभ-लाभ रूपी दो स्वस्तिक बनाए।
  • साथ में श्री गणेश और सभी को केसरिया चंदन लगाएं. फिर चावल, दूर्वा चढ़ाएं और धूप-दीप जलाकर पूजा करें।

पूजा का समय : पूजा का समय शुभ मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।

पूजन सामग्री : धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, दूर्वा, हल्दी और गुलाबी कपड़ा |

यजमान द्वारा वांछित जानकारी : 

  • नाम एवं गोत्र, पिता का नाम
  • जन्म तारीख, स्थान

कैसे प्राप्त करें यह सौभाग्य

आप AstroVidhi के Customer Care Number 8285282851 पर संपर्क करके शुभ लाभ पूजन का अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए करवाने का समय ले सकते हैं।

जिस किसी की सुख-समृद्धि के लिए आप ये पूजा करवाना चाहते हैं, उसका नाम, जन्म स्थान, गोत्र और पिता का नाम अवश्य  ज्ञात होना चाहिए।

 

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