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सूर्य ग्रहण पूजा

सूर्य ग्रहण पूजा

हम सभी जानते है की भारत जैसे देश में सूर्य ग्रहण को महज एक खगोलीय घटना नहीं माना जाता बल्कि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार धार्मिक दृष्टी से इसका विशेष महत्व है। सूर्य ग्रहण को कभी भी शुभ नहीं माना जाता। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष होता है, उनको जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट, दुःख भोगने को मिलते है।

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हम सभी जानते है की भारत जैसे देश में सूर्य ग्रहण को महज एक खगोलीय घटना नहीं माना जाता बल्कि हिन्दू मान्यताओं के अनुसार धार्मिक दृष्टी से इसका विशेष महत्व है। सूर्य ग्रहण को कभी भी शुभ नहीं माना जाता। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष होता है, उनको जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट, दुःख भोगने को मिलते है।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय अपना अधिकतर समय ईश्वर की आराधना में व्यतीत करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियों का पालन करना चाहिए।

सूर्य ग्रहण क्या है -

सूर्य ग्रहण - जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के मध्य से होकर गुजरता है तो इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। इस स्थिति में चंद्रमा की छाया सूर्य पर पड़ती है।

कैसा बनता है कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष-

जब किसी व्यक्ति की लग्न कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य के साथ राहु या केतु में से कोई एक ग्रह बैठा है, तो सूर्य ग्रहण दोष बनता है। इसके अतिरिक्त अगर सूर्य के घर में राहु-केतु में से कोई एक ग्रह स्थित हो, तो यह भी सूर्य ग्रहण दोष कहलाता है। ऐसे जातक अगर सूर्य ग्रहण दोष की समाप्ति के लिए पूजा करवाते है तो आगे आने वाले जीवन के लिए यह बहुत बेहतर होता है।

 सूर्य ग्रहण पूजा के लाभ-

  • यह पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धी होती है।
  •  सूर्य की तरह जीवन में तेजस्विता आती है, जीवन प्रकाशमय हो जाता है।
  •  पति-पत्नी के बीच जो वैचरिक मतभेद होते है या फिर अलगाव की स्थिति उत्पन्न होती है यह पूजा करने से राहत मिलती है परस्पर संबंधो में प्रेम बढ़ता है।
  •  कामकाज में अच्छा धन-लाभ होता है और वाहन सुख-मकानों के सुख अच्छे मिलते है।
  •  परिवार में धन-धान्य, रुपए-पैसे की बरकत होती है, परिवार के लोगों के बीच आपस में प्रेम बढ़ता है।

सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करें

"ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ”

ग्रहण के समय बरती जाने वाली सावधानियां:-

  • हिंदू मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय कुछ भी खाना या पीना वर्ज्य है।
  • घर में रखे अनाज या खाने को ग्रहण से बचाने के लिए दूर्वा या तुलसी उसमे डालनी चाहिए।
  • ग्रहण समाप्त होने के बाद तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। इसके साथ ही ब्राह्मण को दान में अनाज या कुछ रुपए देने चाहिए।

गर्भवती महिलाओ के लिए विशेष सावधानियां-

  • घर से बाहर न निकलें एवं ग्रहण ना देखे।
  •  सिलाई एवं कढ़ाई का काम न करें, सब्जी काटने और छीलने से बचें, झाड़ू ना लगाये, ग्रहण के समय चाकू, कैंची, धारदार हथियार और सुई का उपयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों को क्षति पहुंच सकती है, इसलिए इन वस्तुओं से दूरी बनाएँ ।

पूजन का समय :

- पूजा का समय मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।

पूजन सामग्री

धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी और गुलाबी कपड़ा|

पूजन का महत्‍व

यह पूजा कराने से आपके महत्‍वपूर्ण कार्य संपन्‍न होते हैं। इस पूजा के प्रभाव से आपके जितने भी रुके हुए काम हैं वो पूरे हो जाते हैं। शारीरिक और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं। कुंडली में सूर्य ग्रहण का जो दोष लगा हुआ है उसके अशुभ प्रभाव को पूजा द्वारा कम किया जाता है।

यजमान द्वारा वांछित जानकारी : 

नाम एवं गोत्र, पिता का नाम, जन्‍म तारीख, स्‍थान ||

कैसे प्राप्‍त करें यह सौभाग्‍य : 

आप AstroVidhi Customer Care Number 8285282851 पर संपर्क करके सूर्य ग्रहण दोष शांति पूजा अपने या अपने परिवार के किसी सदस्‍य के लिए करवाने का समय ले सकते हैं। जिस किसी की सुख-समृद्ध‍ि के लिए आप ये पूजा करवाना चाहते हैं उसका नाम, जन्‍म स्‍थान, गोत्र और पिता का नाम अवश्‍य ज्ञात होना चाहिए।

 

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