फिरोजा रत्न गुरु ग्रह का उपरत्न होता है, यह मूल रूप से तुर्की में पाया जाता है। यह नीले और हरे -नीले रंग का सेमीप्रीसियस स्टोन होता है, लेकिन सबसे अच्छा रंग आसमानी नीला ही माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति और शनि ग्रह की शक्ति या बल कमजोर पड़ जाता है, तथा उनका प्रभाव हमारे जीवनपर विपरीत पड़ता है, ऐसे जातक को फिरोजा रत्न से बना ब्रेसलेट धारण करना चाहिए। यह बृहस्पति और शनि ग्रह के बल को मजबूती प्रदान करता है।
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फिरोजा रत्न गुरु ग्रह का उपरत्न होता है, यह मूल रूप से तुर्की में पाया जाता है। यह नीले और हरे -नीले रंग का सेमीप्रीसियस स्टोन होता है, लेकिन सबसे अच्छा रंग आसमानी नीला ही माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति और शनि ग्रह की शक्ति या बल कमजोर पड़ जाता है, तथा उनका प्रभाव हमारे जीवनपर विपरीत पड़ता है, ऐसे जातक को फिरोजा रत्न से बना ब्रेसलेट धारण करना चाहिए। यह बृहस्पति और शनि ग्रह के बल को मजबूती प्रदान करता है।
फिरोजा उपरत्न होने के बावजूद भी काफी लाभकारी रत्न है। यह रत्न केवल एस्ट्रोलॉजी की दुनिया में ही नहीं बल्कि फैशन और आभूषण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण माना जाता है, इसी कारण मूल और प्राचीन फिरोज़ा को प्राप्त करना थोडा कठिन होता है। यह देखने में बहुत ही सुंदर होता है ।
सामान्यतः फिरोज़ा रत्न धारण करने का कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है, इसलिए इसे पहनने से कोई नुकसान नहीं होता।
फिरोजा रत्न से जड़ित ब्रेसलेट बृहस्पति या शनिवार के दिन या किसी शुभ दिन गुरु या शनि की होरा में पूजा-अर्चना करने के बाद पहनना चाहिए ताकि पहनने वाले को इसका लाभ मिल सके।
इस ब्रेसलेट को हमारे अनुभवी ज्योतिषी पंडित सूरज शास्त्री जी द्वारा अभिमंत्रित किया है, जिससे यह आपको जल्द ही शुभ फल दे।