आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में स्थित श्री रंगनाथास्वामी मंदिर में विष्णु जी, भगवान रंगनाथ के रूप में विराजमान हैं। यहां भी पद्मनाभ स्वामी की तरह विष्णु की शेषनाग पर लेटी हुई प्रतिमा है। मंदिर के दो स्तंभों पर विष्णु के 24 भाव भंगिमाओं में मूर्तियां हैं। रंगनाथ स्वामी का मंदिर दक्षिण भारत के वैष्णव संप्रदाय के लोगों में काफी महत्व रखता है। श्री रंगनाथास्वामी मंदिर दुनिया में सबसे बड़ा धार्मिक परिसरों में से एक है। बेहद राजसी ढंग से निर्मित यह मंदिर द्रविड शैली में बना है। यहां की मुख्य विशेषता गालीगोपुरम है जिसे हवा टावर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की भव्यता को बढ़ाने के लिए इस टॉवर के शीर्ष पर सोने से मढ़े सात कलश रखे गए हैं। कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण गंग वंश के राजाओं ने 894 ई. में करवाया था। रंगनाथ स्वामी के आंतरिक मुख्य भाग का निर्माण होयसल राजाओं ने कराया था। इसमें ग्रेनाइट के कई बड़े स्तंभ देखे जा सकते हैं। जबकि मंदिर का मुख्य द्वार यानी गोपुरम विजय नगर शैली में है।
उदयगिरी किला
नेल्लोर के इस किले में औषधीय पौधों की कई किस्में देखने को मिलती हैं। किले में अनेक इमारतें और मंदिर हैं। यह किला विभिन्न धर्मों के संगम का प्रतीक है।
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मायपादु बीच
नेल्लोर के सुंदर बीच पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। समुद्र की ऊंची-ऊंची लहरें मन को रोमांच से भर देती हैं।
नेलापट्टू पक्षी अभ्यारण्य
यहां पर विश्व के विभिन्न पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियां देखी जा सकती हैं। दुर्लभ पक्षियों की प्रजाति भी इस अभ्यारण्य में पाई जाती है।
अन्य दर्शनीय स्थल
नेल्लोर के अन्य दर्शनीय स्थलों में वेंकटगिरी किला, पेंचालकोना, जोनावड़ा, पुलिकट झील, श्री राजा राजेश्वरी मंदिर, इस्कॉन नेल्लोर, चेंगलम्मा मंदिर, घटिका सिद्धेश्वरम् आदि शामिल हैं।
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कैसे पहंचे
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में स्थित श्री रंगनाथाास्वामी मंदिर पहुंचने के लिए तिरूपति हवाई अड्डा निकटतम एयरपोर्ट है। नजदीकी नेल्लोर रेलवे स्टेशन है। यहां से बस-टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।