भारत के द्वितीय विशाल मंदिर के रूप में विख्यात दिल्ली के दक्षिण में स्थित छतरपुर मंदिर मां दुर्गा के छठे रूप देवी कात्यायनी को समर्पित है। यह पवित्र स्थल अपनी निर्माण कला के लिए भी विख्यात है। सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर आसपास खूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है। मंदिर की नक्काशी, दक्षिण भारतीय वास्तुकला में की गई है। मंदिर का आकर्षण है इसके प्रवेश द्वार पर लगा प्राचीन पेड़। मान्यता है कि इस पेड़ पर पवित्र धागा और चूडि़यां बांधने से मनोकामना की पूर्ति होती है। छतरपुर के इस भव्य मंदिर के दर्शन को दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं तथा माता का आशीर्वाद और दर्शन पाने की इच्छा रखते हैं। गुडगांव-महरौली मार्ग के निकट स्थित इस मंदिर में नवरात्रि और दुर्गा पूजा के अवसर पर भारी भीड़ माता के दर्शन को आती है।
विशाल क्षेत्र में फैला यह मंदिर अपनी प्रसिद्धि के कारण सभी के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है। देवी कात्यायनी की विशाल सोने की मूर्ति भक्तों को आकर्षित करती है। चमचमाते वस्त्रों और चमकदार आभूषणों से मां कात्यायनी के रूप में चार चांद लग जाते हैं। मंदिर परिसर में भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, राधा-कृष्णा और भगवान राम को समर्पित मंदिर भी हैं। सभी मंदिरों में दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय वास्तुकला शैली के खास मिश्रण की झलक है।
बहुत प्राचीन है दिल्ली का बिड़ला मंदिर
अन्य दर्शनीय स्थल
दिल्ली के दक्षिण में स्थित इस मंदिर के दर्शन करने आए भक्त यहां की कई ऐतिहासिक व धार्मिक इमारतों के दर्शन कर सकते हैं। छतरपुर मंदिर के निकट है कुतुब मीनार जिसे विदेशी पर्यटक भी खूब पसंद करते हैं। दिल्ली दर्शन को आए यात्री गुरूद्वारा बंगला साहिब, इंडिया गेट, जंतर मंतर, लोधी गार्डन, झंडेवालान मंदिर, हनुमान मंदिर, लाल किला, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, जंतर मंतर, राज घाट, लोटस टैंपल, अक्षरधाम मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर जैसे अनगिनत ऐतिहासिक इमारतों के दर्शन कर सकते हैं।
कैसे पहुंचे
दिल्ली सभी सुविधाओं से लैस है। यहां पहुंचने के लिए इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे निकटतम एयरपोर्ट है। नजदीकी रेलवे स्टेशन, हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन है। यहां से बस-टैक्सी सुविधा हर समय उपलब्ध है।