केरल के सबसे प्रख्यात मंदिरों में से एक है चोट्टानिकारा मंदिर जहां चोट्टानिकारा भगवती की पूजा की जाती है। चोट्टानिकारा मंदिर में मानसिक बीमारी और विकारों का इलाज किया जाता है। माना जाता है कि सैंकड़ों लोग जो यहां आध्यात्मिक प्यास बुझाने एवं देवी की उपासना करने आते हैं, उन पर देवी भगवती का आर्शीवाद बरसता है। मंदिर में भगवती के तीन रूपों की पूजा की जाती है। सुबह भगवती की सरस्वती के रूप में पूजा की जाती है, दोपहर को लक्ष्मी के रूप में और शाम को देवी दुर्गा के रूप में पूजा की जाती है। इस क्षेत्र में मां भगवती सर्वाधिक पूजनीय हैं। मंदिर परिसर के अंदर ब्रह्मा, शिव, सुब्रमण्या, गणेश और सस्था जैसे विभिन्न देवताओं की मूर्तियां हैं।
मंदिर में स्थापित फूल, माला, और गहनों से अलंकृत भगवती की विशाल सोने की मूर्ति पूर्ण वैभव की एक दृष्टि है। बुरी प्रेत आत्माओं से बचने के लिए श्रद्धालु मंदिर से नीम की पत्तियां, नीबू और मिर्च लेकर जाते हैं। यह मंदिर अपनी अद्भुत शिल्पकला और शैली के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर में प्रमुख रूप से मार्च के महीने में चोट्टानिकारा मकम तोझल उत्सव मनाया जाता है।
एरनाकुलाथपन मंदिर
चोट्टानिकारा स्थित यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। केरल की शैली में बना यह मंदिर बेहद खूबसूरत और आकर्षक है।
यहां आकर पूरी होती है निसंतान लोगों की इच्छा
कडुतुरुति शिव मंदिर
थाली मंदिर के रूप में प्रसिद्ध कडुतुरुति शिव मंदिर सुरम्य वेमबनद झील की पृष्ठभूमि और एक छोटी पहाड़ी के ऊपर स्थित है। इस पवित्र स्थान में भगवान शिव की कहानी कई अद्भुत लकड़ी की नक्काशियों में दर्शायी जाती है।
अन्य दर्शनीय स्थल
केरल को धरती के सबसे सुंदर शहरों में से एक माना जाता है। हर वर्ष यहां बड़ी संख्या में पर्यटक धार्मिक और ऐतिहासिक इमारत देखने आते हैं। केरल अपने खूबसूरत बीच के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। केरल घूमने आए पर्यटक यहां के बीच का सुंदर नजारा देखना न भूलें।
कैसे पहुंचे
केरल के चोट्टानिकारा मंदिर पहुंचने के लिए कोच्चिन एयरपोर्ट निकटतम हवाई अड्डा है। नजदीकी अलुवा रेलवे स्टेशन है। यहां से बस-टैक्सी सुविधा उपलब्ध रहती है।