भोले बाबा के अनेक रूपों पर भक्तों की अपार आस्था है। अनेक नामों से प्रसिद्ध भोलेनाथ अपने भक्तों के हर दुख को दूर करते हैं। हिंदू धर्म में भगवान शिव सर्वशक्तिमान हैं। मान्यता है कि भारत में भगवान शिव के 12 स्वयंभू ज्योतिर्लिंग हैं जिनमें भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का अपना अलग महत्व है। शिव के भगवा रूप को समर्पित यह मंदिर महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है। यह अत्यंत प्राचीन और कलात्मक मंदिर सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है। यहां स्थित शिवलिंग काफी मोटा है। इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है। इसी मंदिर के पास से भीमा नामक एक नदी भी बहती है जो कृष्णा नदी में जाकर मिलती है।
किवदंती है कि भगवान शिव ने सह्याद्री में रहते हुए भीमा का रूप धारण कर राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। भगवान शिव के पसीने से बनी नदी भीमा नदी के रूप में जानी जाती है। नागर शैली में निर्मित इस पवित्र ज्योतिर्लिंग में अनेक पांडुलिपियाँ हैं जो 13 वीं शताब्दी की हैं। मंदिर परिसर में एक छोटा सा शनि मंदिर भी है जिसके बगल में बड़ी घंटी है जो वास्तुकला की हेमान्द्पथी शैली को दर्शाती है। यह धार्मिक स्थान न केवल उपासकों और भक्तों में प्रसिद्द है बल्कि पक्षी प्रेमियों और ट्रैकर्स के बीच भी प्रसिद्द है। मंदिर में मुख्य रूप से शिवरात्रि का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
शनि देव की कृपा पाने के लिए जरूर करें इस मंदिर के दर्शन
अन्य पर्यटन स्थल
पुणे शहर के निकट स्थित भीमाशंकर मंदिर के दर्शन करने आए यात्री पावना नदी, लोहागढ़, शिवनेरी किला, शनिवार वाड़ा महल देख सकते हैं। इसके अलावा घूमने के लिए पुणे के निकट हिल स्टेशन लोनावला और खंडाला भी हैं जिन्हें पर्यटक खूब पसंद करते हैं। पुणे में पर्यटक ट्रैकिंग का मजा भी उठा सकते हैं।
कैसे पहुंचे
महाराष्ट्र के पुणे शहर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पुणे हवाई अड्डा निकटतम एयरपोर्ट है। नजदीकी रेलवे स्टेशन, पुणे रेलवे स्टेशन है। यहां से बस-टैक्सी की सुविधा हर समय उपलब्ध रहती है।
इस पवित्र स्थान में सृष्टि के तीनों देवता लिंग रूप में विराजमान हैं