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Jhandewalan Temple

इस मंदिर में दिन-रात होती है माता की पूजा 

मां दुर्गा के अनेक रूप हैं और उन सब रूपों में माता रानी अपने भक्‍तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मां दुर्गा में भक्‍तों की अटूट आस्‍था है और इसी आस्‍था का प्रतीक है दिल्‍ली के केंद्र में स्थित झंडेवालान मंदिर। यह मंदिर हिंदुओं का प्राचीन मंदिर है जो देवी आदि शक्ति को समर्पित है। मंदिर के शीर्ष पर लगे झंडे के कारण इसका नाम झंडेवाली मंदिर पड़ा। सवा सौ साल प्राचीन इस मंदिर की मान्‍यता है कि मां के दरबार से कोई भी भक्‍त खाली हाथ नहीं लौटता और मां झंडेवाली सच्‍चे मन से आने वाले हर भक्‍त की मनोकामना को पूरा करती है।

मंदिर में दिन-रात माता के भजनों से वातावरण भक्तिमय बना रहता है। नवरात्र के अवसर पर झंडेवालान मंदिर की भव्‍यता कुछ अलग ही होती है। इस समय यहां दूर-दूर से श्रद्धालु देवी मां के दर्शन को आते हैं। मंदिर में स्‍थापित मां दुर्गा की मूर्ति भक्‍तों के मन को मोह लेती है। इस स्‍वरूप में माता रानी का सौंदर्य देखेते ही बनता है। माता रानी के दरबार में गरीब भक्‍तों से लेकर अमीर भक्‍तों की लंबी कतारें लगी रहती हैं।

मंदिर का इतिहास

आज जहां पर यह ऐतिहासिक एवं प्राचीन मंदिर स्थित है वह अरावली पर्वत की श्रृंखलाओं में से एक श्रृंखला है। उस समय यह स्थान बड़ा मनमोहक था। वर्षों पहले बद्रीदास नामक व्यवसायी को पहाड़ी की जगह देवी का मंदिर होने का सपना आया। इसके बाद खुदाई कराई गई तो वहां देवी की मूर्ति मिली। खुदाई के वक्त मूर्ति का एक हाथ खंडित हो गया। खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करते हैं, इसलिए उस मूर्ति को गुफा में ही रहने दिया गया और उसके ऊपर मंदिर का निर्माण कराकर नई प्रतिमा को स्थापित किया गया। आज यही मंदिर झंडेवालान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

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मुख्‍य आकर्षण

झंडेवालान मंदिर का मुख्‍य आकर्षण है मां दुर्गा की अत्यंत ही सुंदर मूर्ति जिसकी भव्यता का वर्णन शब्दों से नहीं, बल्कि देखकर स्वयं की अनुभूति से ही किया जा सकता है। भवन के दक्षिण दिशा में शीतला माता, संतोषी माता, वैष्णो माता, गणेश जी, लक्ष्मी जी तथा हनुमान जी आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर में प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को माता की चौकी आदि का आयोजन होता रहता है। मंदिर प्रांगण के उत्तर-पूर्व दिशा में एक मनोरम उद्यान है, जिसमें मंदिर के संस्थापक बद्री भगत की कांस्य प्रतिमा स्थापित है तथा उत्तर की ओर मण्डपों से बना हुआ विशाल द्वार है।

अन्‍य दर्शनीय स्‍थल

राजधानी दिल्‍ली में कई धार्मिक और ऐतिहासिक इमारते हैं जिन्‍हें देखने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। दिल्‍ली में पर्यटकों के लिए हर तरह के आकर्षित, प्राचीन एवं ऐतिहासिक तीर्थस्‍थल हैं। दिल्‍ली घूमने आए पर्यटक लाल किला, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, जंतर मंतर, राज घाट, लोटस टैंपल, अक्षरधाम मंदिर, लक्ष्‍मी नारायण मंदिर जैसे अनगिनत ऐतिहासिक इमारतों के दर्शन कर सकते हैं।

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कैसे पहुंचे

दिल्‍ली सभी सुविधाओं से लैस है। यहां पहुंचने के लिए इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा सबसे निकटतम एयरपोर्ट है। नजदीकी रेलवे स्‍टेशन, नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन और दिल्‍ली सराय रोहिल्‍ला रेलवे स्‍टेशन है। यहां से बस-टैक्‍सी सुविधा उपलब्‍ध है।

अन्‍य मंदिर

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