विश्व के प्रथम ग्रेनाइट मंदिर के रूप में प्रसिद्ध बृह्देश्वर मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़े से बनें हैं। यह विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर है। तंजौर का यह मंदिर वास्तुकला, पाषाण व ताम्र में शिल्पांकन, प्रतिमा विज्ञान, चित्रांकन, नृत्य, संगीत, आभूषण एवं उत्कीर्ण कला का भंडार है। भगवान शिव को समर्पित यह अपने समय के विश्व के विशालतम संरचनाओं में गिना जाता था। इस मंदिर के निर्माण कला की एक विशेषता यह है कि इसके गुंबद की परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती। बृहदीश्वर मंदिर तंजौर के किसी भी कोने से देखा जा सकता है। इसका विशाल परिसर मुख्य केन्द्र है। ग्रेनाइट पत्थर पर नक्काशी करना बेहद कठिन होता है किंतु चोल राजाओं ने यह कार्य बहुत ही खूबसूरती से करवाया है।
मंदिर का मुख्य आकर्षण
ब़ृहदेश्वर मंदिर चोल वास्तुकला का शानदार उदाहरण है। मंदिर के शिखर पर स्वर्ण कलश स्थित है। मंदिर में प्रवेश द्वार पर गोपुरम् के भीतर एक चौकोर मंडप है जहां चबूतरे पर नन्दी जी की विशाल मूर्ति विराजमान है। मंदिर के तेरह मंज़िले भवन सभी को अचंभित करते हैं क्योंकि हिंदू अधि-स्थापनाओं में मंज़िलों की संख्या सम होती है परंतु यहां ऐसा नहीं है। इस मंदिर के चारों ओर सुंदर अक्षरों में नक्काशी द्वारा लिखे गए शिला लेखों की एक लंबी शृंखला शासक के व्यक्तित्व की अपार महानता को दर्शाते हैं।
अन्य दर्शनीय स्थल
तंजोर जैसे ऐतिहासिक स्थान पर अनेक दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। तंजोर में गंगाईकोंडा चोलापुरम, थिरूनलर मंदिर, थंजावुर रॉयल पैलेस, स्वामी मलई मंदिर, अलंगुड़ी मंदिर, सुकिरण मंदिर, नागनाथास्वामी मंदिर, संगीथा महल, मनोरा किला जैसे अनेक दर्शनीय स्थल हैं।
कैसे पहुंचे
तमिलनाडु के तंजोर स्थित बृहदेश्वर मंदिर पहुंचने के लिए सिविल हवाई अड्डा, तिरूचिरापली निकटतम एयरपोर्ट है। नजदीकी थंजावुर जंक्शन रेलवे स्टेशन है। यहां से बस-टैक्सी सुविधा उपलब्ध रहती है।