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नीलम भाग्य रत्न अंगूठी - मकर राशि

नीलम भाग्य रत्न अंगूठी - मकर राशि

ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है। कहते है नीलम रत्न में वह ताकद है जो राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। यह रत्न शनि देव के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में मदद करता है।

डिलीवरी: 5-8 दिवसात डिलीवरी
मोफत शिपिंग: संपूर्ण भारतात
फोन वर खरेदी करा: +91 82852 82851
अभिमंत्रित: फ्री अभिमन्त्रण आचार्य रमन जी द्वारा

विवरण

रत्‍न:5.25 रत्‍ती
सर्टिफिकेट:Government Approved Lab Certificate
धातु:पंचधातु
वजन:3.5 से 5 ग्राम
माप:फ्री साइज (Adjustable)

ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है। कहते है नीलम रत्न में वह ताकद है जो राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। यह रत्न शनि देव के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में मदद करता है।

शनि कुम्भ और मकर राशि का अधिपति ग्रह होता है, इसलिए शनि का यह नीलम रत्न कुंभ और मकर राशि के जातकों के लिए शुभ होता है।

नीलम के लाभ

  • नीलम रत्न का प्रभाव बहुत ही शीघ्र होता है, यह रत्न धन, पदोन्नती, शुभ अवसर बहुत ही शीघ्र देता है।
  • नीलम रत्न एक उच्च सुरक्षात्मक रत्न है जो दुश्मन, बुरी नज़र, ऊपरी बाधाएं, दुर्घटनाएं आदि से सुरक्षा में मदद करता है।
  • इस रत्न के प्रभाव से पाचन शक्ति तंदुरुस्त रहती है। यह रत्न सुस्ती, को दूर कर एकाग्रता और फोकस को बेहतरीन बनाने में मदद करता है।
  • यह रत्न नाम, पैसा, शोहरत, ऐश्वर्य देता है।
  • न्यायालय से सम्बंधित काम करने वालों के लिए यह रत्न अवश्य पहनना चाहिए, कामकाज में सफलता मिलती है।
  • धन की प्राप्ति के लिए यह उत्तम रत्न माना गया है।
  • ऑफिस में अगर दूसरे लोग आपको डॉमिनेट करने पर तुले हैं और आपके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है तो नीलम रत्न आपके लिए है।
  • अगर आप बार बार गलत निर्णय लेते है तो जीवन को सही दिशा दिखाने का कार्य यह रत्न करता है।

कौन धारण कर सकता है नीलम

  • मेष, वृष, तुला तथा वृश्चिक लग्न वाले अगर नीलम रत्न धारण करते है तो उनका भाग्योदय होता है।
  • जन्म कुंडली में शनि चौथे, पांचवे, दसवें और ग्यारहवें भाव में हो तो नीलम रत्न अवश्य पहनना चाहिए।
  • शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। यह दोनों राशियां अगर शुभ घर में बैठी है तो नीलम धारण करने से लाभ होता है तथा अशुभ भाव में हो तो नीलम नहीं पहनना चाहिए।
  • शनि छठे या आठवे भाव में हो तब भी नीलम धारण कर सकते है।
  • शनि की साढ़े साती में नीलम धारण करना लाभ देता है।

धारण विधि

नीलम की अंगूठी शुक्ल पक्ष में शनिवार के दिन सूर्योदय के पश्चात् शनि के मन्त्रों का 11 बार जाप करने के बाद धारण करे। धारण करने से पूर्व इस अंगूठी पर दूध, गंगाजल, शहद का छींटा लगा दें। उसके पश्चात् शनि देव के नाम की पांच अगरबत्तियां जलाएं और प्रार्थना करें की हे शनि देव, मैं आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह अंगूठी धारण कर रहा हूँ, मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करें तथा 11 बार अगरबत्ती के ऊपर से अंगूठी घुमाते हुए ॐ शं शनिश्चराय नमः  का जाप करें, उसके बाद यह अंगूठी मध्यमा अंगूली में  धारण करें।

हमसे क्यों ले

नीलम की अंगूठी को हमारे ज्योतिषाचार्यों ने शनि के मन्त्रों द्वारा अभिमंत्रित किया है, जिसके प्रभाव से जल्द ही आपको शुभ फल मिलते है। इस अंगूठी के साथ सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा, जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।

 

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