प्राचीन काल से ही यह माना जाता है की पंचमुखी रुद्राक्ष में महादेव शिव के पांच देव रूप है तथा यह भी कहा जाता है की यह पांचो देव रूप पंचमुखी रुद्राक्ष में निवास करते है। पंचमुखी रुद्राक्ष पेंडेंट कालाग्नि के रूप में संसार में स्थापित है।
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प्राचीन काल से ही यह माना जाता है की पंचमुखी रुद्राक्ष में महादेव शिव के पांच देव रूप है तथा यह भी कहा जाता है की यह पांचो देव रूप पंचमुखी रुद्राक्ष में निवास करते है। पंचमुखी रुद्राक्ष पेंडेंट कालाग्नि के रूप में संसार में स्थापित है।
यही एकमात्र ऐसा रुद्राक्ष है जिस पर भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु, भगवान गणेश, सूर्य भगवान व शक्ति की प्रतीक माँ भगवती की असीम कृपा होती है। कालाग्नि नाम से विख्यात यह रुद्राक्ष रूद्र-स्वरुप ही है।
पंचमुखी रुद्राक्ष पेंडेंट किसी भी राशि के जातक धारण कर सकते है परन्तु मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, तथा मीन लग्न के जातकों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत ही लाभकारी होता है।
पंचमुखी रुद्राक्ष सोमवार के दिन धारण करना चाहिए। पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 11 बार जाप करने से भगवान कालाग्नि रूद्र की कृपा जातक पर बनी रहती है।
पंचमुखी रुद्राक्ष को हमारे पंडितजी द्वारा अभिमंत्रित करने के बाद ही आपके पास भेजा जाएगा, जिसके फल स्वरुप आपको अति शीघ्र इस रुद्राक्ष का पूर्ण लाभ मिल सके।