मोती मुख्यतः रत्न नहीं बल्कि एक जैविक संरचना है, इसके बावजूद भी इसे नौ रत्नों की श्रेणी में रखा गया है। यह मुख्यरूप से चंद्रमा का रत्न है। चंद्रमा की तरह ही उसका रत्न भी शांत, सुंदर और शीतल होता है। इसका प्रभाव सीधा मन और शरीर पर पड़ता है। मोती का प्रभाव धीरे धीरे परन्तु असरदार होता है।
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विवरण
रत्न: | 5.25 रत्ती |
सर्टिफिकेट: | Government Approved Lab Certificate |
धातु: | चांदी |
वजन: | 3.5 से 5 ग्राम |
माप: | फ्री साइज (Adjustable) |
मोती मुख्यतः रत्न नहीं बल्कि एक जैविक संरचना है, इसके बावजूद भी इसे नौ रत्नों की श्रेणी में रखा गया है। यह मुख्यरूप से चंद्रमा का रत्न है। चंद्रमा की तरह ही उसका रत्न भी शांत, सुंदर और शीतल होता है। इसका प्रभाव सीधा मन और शरीर पर पड़ता है। मोती का प्रभाव धीरे धीरे परन्तु असरदार होता है।
क्रोध को शांत करने में मन को स्थिरता प्रदान करने में इसकी अहम भूमिका होती है। मोती कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाता।
मोती पूर्णिमा के दिन या शुक्ल पक्ष के सोमवार को धारण करना शुभ माना गया है, धारण करने से पहले इसको गंगाजल से धोकर, शिव जी को अर्पित करे, धूप-अगरबत्ती दिखाकर चन्द्र देव का ध्यान करते हुए धारण करें।
मोती की अंगूठी को हमारे अनुभवी ज्योतिषाचार्यों द्वारा अभिमंत्रित करने के बाद आपके पास भेजा जाएगा, ऐसा करने से आपको इस रत्न के शीघ्र ही शुभ फल मिल सके, इसके अलावा इस रत्न के साथ सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।