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Lepakshi Temple

चमत्‍कारिक मंदिर जो टिका है झूलते खंभों (Hanging Pillars) पर 

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित लेपाक्षी मंदिर अपने हैंगिंग पिलर्स के लिए पूरे विश्‍व में प्रसिद्ध है। इस मंदिर के 70 से ज्यादा पिलर बिना किसी सहारे के खड़े हैं और मंदिर को संभाले हुए हैं। हवा में झूलते यह पिलर सभी के लिए रहस्‍य बने हुए हैं। मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि इन पिलर्स के नीचे से अपना कपड़ा निकालने से सुख-समृद्धि मिलती है। इस मंदिर को वीरभद्र के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव, विष्‍णु और वीरभद्र को समर्पित है। मंदिर में इन तीनों की मूर्ति भी स्‍थापित है। मंदिर परिसर में लगी नागलिंग प्रतिमा, भारत की सबसे बड़ी नागलिंग प्रतिमा मानी जाती है। काले ग्रेनाइट पत्थर से बनी इस मूर्ति में एक शिवलिंग के ऊपर सात फन वाला नाग बैठा है।

दूसरी ओर, मंदिर में रामपदम स्थित हैं। विजयनगर शैली में बने इस मंदिर में भगवान गणेश और विशाल नंदी की मूर्ति विराजमान है। लेपाक्षी मंदिर में देवी, देवताओं, नर्तकियों, संगीतकारों को चित्रित किया गया है। दीवारों पर कई पेंटिंग हैं। खंभों और छत पर महाभारत और रामायण की कहानियां चित्रित की गई हैं। लेपाक्षी मंदिर में 24 बाय 14 फीट की वीरभद्र की एक वाल पेंटिंग भी है। यह मंदिर की छत पर बनाई गई भारत की सबसे बड़ी वाल पेंटिंग है। पौराणिक कथाओं के अनुसार वीरभद्र को भगवान शिव ने पैदा किया था। मंदिर के सामने विशाल नंदी की मूर्ति है। यह एक ही पत्थर पर बनी हुई है और कहा जाता है कि दुनिया में यह अपनी तरह की नंदी की सबसे बड़ी मूर्ति है।

सबसे धनी मंदिरों में से एक है ये धार्मिक स्‍थल

लेपाक्षी मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा

किवदंती है कि जब रावण सीता का हरण करके लिए जा रहा था, तब जटायु ने उससे युद्ध किया था। इसके बाद घायल होकर जटायु यहीं गिर गया था। भगवान राम ने जटायु को घायल हालत में यहीं पाया था और उन्होंने उससे उठने के लिए कहा था। ले पाक्षी का तेलुगु में अर्थ है- उठो, पक्षी जिसके बाद से इस मंदिर का नाम लेपाक्षी पड़ा। 16वीं सदी में बने इस मंदिर को विजयनगर के राजा दो भाईयों विरुपन्ना और वीरन्ना ने बनवाया था।

अन्‍य दर्शनीय स्‍थल

लेपाक्षी मंदिर की खूबसूरत शिल्‍पकला को निहारने के बाद यात्री इस्‍कॉन मंदिर देख सकते हैं। माध्‍वरया मंदिर को भी लोग खूब पसंद करते हैं। अपनी ऐतिहासिकता को बयां करता रायादुर्ग का किला भी पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां पेनूकोंडा किला, पेन्‍ना अहोबिलम् मंदिर, अनंतसागरम्, रायदुर्गा किला, सत्‍यभामा मंदिर आदि दर्शनीय हैं।

लेपाक्षी मंदिर कैसे पहुंचे

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित लेपाक्षी मंदिर पहुंचने के लिए बेंगलुरू अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम एयरपोर्ट है। नजदीकी अनंतपुर रेलवे स्‍टेशन है। यहां से बस-टैक्‍सी की सुविधा उपलब्‍ध है।

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