गुजरात के सल्दी में भगवान शिव को समर्पित पिंपलेश्वर मंदिर का हिंदू पुराण में ऐतिहासिक महत्व है। यहां पिंपलेश्वर मंदिर में शिव को समर्पित अन्य सभी मंदिरों से अलग शिवलिंग की जगह जलधर की पूजा होती है। यहां निरंतर जलधारा का प्रवाह होता रहता है। अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त यह मंदिर पीपल, बेल और वखड़ा के पेड़ों से घिरा भक्तों की सुख, समृद्धि और सफलता का प्रतीक है। मंदिर में देवी पार्वती, हनुमान जी और श्री गणेश की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर की वास्तुकला और शिल्प प्राचीन शैली की याद दिलाते हैं जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। मंदिर में उच्चारित शिवमंत्र यहां आने वाले भक्तों को मानसिक और भावनात्मक शांति का अहसास कराते हैं। प्रमुख रूप से इस मंदिर में श्रावण के पवित्र महीने के आखिरी सोमवार को ‘साल्दी नो मेलो’ पारंपरिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पिंपलेश्वर के दर्शन को आए श्रद्धालु कभी खाली हाथ नहीं लौटते।
मंदिर का इतिहास
दंत कथाओं के अनुसार पेठा पटेल नामक चरवाहे की गाय नियमित रूप से पीपल के पेड़ के नीचे एक ही स्थान पर दूध देती थी, जहां बाद में जलधर पाई गई। माना जाता है कि हिंदू धर्म में शिवलिंग पर जिस प्रकार दूध चढ़ाया जाता है इसी प्रकार वह गाय भी उस स्थान पर दूध देती थी। आज यह मंदिर, भक्तों में भगवान शिव की आस्था का प्रतीक है।
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अन्य दर्शनीय स्थल
सल्दी आए श्रद्धालु उमिया माता का मंदिर, अम्बा देवी मंदिर, लक्ष्मी माता और नाग देवता का मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
कैसे पहुंचे
सल्दी पहुंचने के लिए अहमदाबाद निकटतम हवाई अड्डा है। रेल यात्रा के लिए कलोल और मेहसाना रेलवे स्टेशन से बस-टैक्सी की सुविधा हर समय उपलब्ध है।