शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में प्रथम है गुजरात के काठियावाड़ में स्थित सोमनाथ मंदिर। भगवान शिव के मंदिरों में सोमनाथ मंदिर सबसे प्रमुख व अद्भुत मंदिर है। प्राचीन काल से ही सोमनाथ मंदिर देश के सबसे धनी मंदिरों में शुमार था। इसकी अपार धन संपदा के कारण शासक महमूद गजनवी ने इस पर अनेकों बार आक्रमण किया था जिसके बाद भी इसकी प्रसिद्धि एवं वैभव में कमी नहीं आई। दंत कथाओं के अनुसार इसी स्थान पर चंद्रदेव ने भगवान शिव की आराधना की थी। ऐसी मान्यता है कि सोमनाथ भगवान की पूजा और उपासना करने से उपासक भक्त के क्षय तथा कोढ़ आदि रोग सर्वथा नष्ट हो जाते हैं और वह स्वस्थ हो जाता है। किंवंदतियों के अनुसार सोमनाथ मंदिर के दर्शन करने से मनुष्य के सभी पापों का नष्ट होता है जिसके कारण इसे ‘पापनाशक तीर्थ’ भी माना जाता है।
मंदिर के भू-गर्भ में सोमनाथ लिंग की स्थापना की गई है। इस मंदिर में पार्वती, सरस्वती देवी, लक्ष्मी, गंगा और नन्दी की सुंदर मनोरम मूर्तियां स्थापित हैं। ऋग्वेद के अनुसार सोमनाथ मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्रदेव सोमराज ने किया था। ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने देह त्यागकर यहीं से वैकुंठ गमन किया। इस स्थान पर बडा ही सुन्दर कृष्ण मंदिर बना हुआ है।
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प्रचलित कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा दक्ष के दामाद चंद्रदेव ने उनकी आज्ञा की अवहेलना की थी, जिससे कूपित होकर दक्ष ने उन्हें श्राप दिया कि उनका प्रकाश दिन-प्रतिदिन धूमिल होता जाएगा। श्राप के उपाय हेतु सोमदेव ने सरस्वती के मुहाने पर समुद्र में स्नान कर के भगवान शिव की आराधना की। प्रभु शिव यहां पर अवतरित हुए और उनका उद्धार किया व भगवान शिव सोमनाथ के नाम से यहीं बस गए।
मुख्य आकर्षण
मंदिर के पास सोमकुण्ड है जिसमें स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और साध्य व असाध्य रोगों का निवारण होता है। मंदिर के प्रांगण में रोज शाम को साउंड एंड लाइट शो के द्वारा सोमनाथ मंदिर के इतिहास का सचित्र वर्णन दर्शाया जाता है। अरब सागर से घिरे सोमनाथ मंदिर की भव्यता भक्तों को आकर्षित करती है। ये मंदिर अपनी सुन्दरता, आकुल धन सम्पति के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द था। सोमनाथ मंदिर के दक्षिण में एक स्तंभ स्थित है। जिसपर एक तीर रखकर संकेत किया गया है कि सोमनाथ मंदिर और दक्षिण ध्रुव के बीच में प्रथ्वी का कोई भाग नहीं है। सोमनाथ मन्दिर में भी गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है।
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अन्य दार्शनिक स्थल
सोमनाथ मंदिर कई वर्षों से पर्यटकों को आकर्षित करता आया है। इसका मनोरम सौंदर्य मंदिर की भव्यता में चार चांद लगाती है। इसके अतिरिक्त श्रद्धालु लक्ष्मीनारायण मंदिर, त्रिवेणी संगम, देहोत्सर्ग तीर्थ, पंच पांडव गुफा, श्री परशुराम मंदिर, सूरज मंदिर, कामनाथ महादेव मंदिर, भल्का तीर्थ, जूनागढ़ गेट, गीता मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। अगर आप वन्य जीवों के शौकीन हैं तो सोमनाथ के निकट गिर फॉरेस्ट जा सकते हें।
कैसे पहुंचे
गुजरात के सोमनाथ मंदिर पहुंचने के लिए दीऊ एयरपोर्ट सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। सोमनाथ रेलवे स्टेशन से बस-टैक्सी की सुविधा हर समय उपलब्ध होती है।