देवी शक्ति को समर्पित वैष्णों देवी मंदिर पूरे संसार में अपनी महिमा के लिए प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। मां वैष्णों के भक्त मानते हैं कि माता के बुलावे पर भक्त किसी न किसी बहाने से उसके दरबार पहुंच ही जाता है। मां वैष्णों की महिमा अपरम्पार है जो भक्तों को अपने दरबार तक खींच ही लाती है। प्रत्येक वर्ष इस मंदिर में सैंकडों की तादाद में श्रद्धा आते हैं। वैष्णों देवी त्रिकूट की पहाडि़यों पर स्थित है। जो कि 5200 फीट की ऊंचाई पर है। जम्मू के कटरा से इस पहाड़ की दूरी 12 किमी है।
मुख्य मंदिर एक गुफा में है। यहां तीन पिंड को मां का स्वरूप माना जाता है। इनमें पहला पिंड ज्ञान की देवी मां सरस्वती, दूसरा पिंड धन-वैभव की देवी महालक्ष्मी और तीसरा पिंड महाकाली का है।
भैरवनाथ मंदिर
यहां मां ने भैरव को उसकी दुष्टता का दंड दिया था। जहां भैरव का सर गिरा वहीं भैरव मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के समय भैरव काो अपनी गलती का एहसास हुआ इसलिए उसे भी पूजा जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि भैरव के संहार के बाद माता ने कहा कि जो मेरे दर्शन के बाद भैरव के दर्शन नहीं करेगा उसकी पूजा अधूरी ही रह जाएगी।
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अर्धकुंवारी गुफा
भैरव के संहार के लिए कन्यारूपी माता ने नौ माह तक जिस गुफा में तपस्या की उसे ही अर्धकुंवारी गुफा कहा गया। इस गुफा में माता की चरण पादुका भी है। यहां की हुई तपस्या से ही कन्यारूपी माता ने शक्तियां प्राप्त की और फिर गुफा से बाहर आकर भैरव का संहार किया।
बाणगंगा
अर्धकुंवारी गुफा के बाहर माता की रक्षा के लिए पहरा दे रहे हनुमान जी को प्यास लगने पर माता ने उनके आग्रह पर धनुष से पहाड़ पर एक बाण चलाकर जलधारा को निकाला और उसमें अपने केश धोए जिसे बाणगंगा के नाम से जाना जाता है।
अन्य दर्शनीय स्थल
कटरा व जम्मू के नजदीक कई दर्शनीय स्थल हैं जैसे जम्मू में अमर महल, बहू फोर्ट, मंसर लेक, रघुनाथ टेंपल एवं जम्मू से 112 किमी की दूरी पर ‘पटनी टॉप’ हिल स्टेशन है। कटरा के नजदीक शिव खोरी, झज्जर कोटली, सनासर, बाबा धनसार,मानतलाई, कुद, बटोट आदि हैं।
यात्रा की शुरूआत
वैष्णो मंदिर की यात्रा की शुरूआत कटरा से होती है। 12 किमी की कठिन चढाई चढने के बाद माता का भवन है।पूर्व समय में पहाड़ की चढ़ाई करना बेहद कठिन हुआ करता था लेकिन अब आधुनिक साधनों से यात्रा बहुत ही सुगम कर दी गई है। यहां से 8 किमी दूर ‘भैरवनाथ का मंदिर’ है। चढ़ाई के लिए यात्री पालकी, घोड़े या पिठठू का भी प्रयोग कर सकते हैं।
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कहां ठहरें
यात्रियों के लिए जम्मू, कटरा और भवन के आसपास कई धर्मशालाएं एवं होटल हैं।
अनुकूल समय
वैसे तो वैष्णों मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए पूरे साल खुले रहते हैं लेकिन गर्मी का मौसम वैष्णो मंदिर की यात्रा के लिए ज्यादा उचित है।
आधुनिक सुविधाएं
- कम समय में मां के दर्शन को इच्छुक यात्रियों के लिए सांझी छत तक हेल्किॉप्टर की सुविधा उपलब्ध है।
- आजकल अर्धकुंवारी से भवन तक की चढ़ाई के लिए बैट्री रिक्शा की व्यवस्था की गई है।
- अब रेल मार्ग की सुविधा सीधा कटरा रेलवे स्टेशन तक उपलब्ध है जो पहले केवल जम्मू तक ही थी।