मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि यहां स्थापित शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव के इस धाम में दान करने से ही मृत्यु का भय खत्म हो जाता है और जटिल बीमारियां दूर हो जाती हैं। इस ज्योतिर्लिंग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी स्थापना स्वनिर्मित है। इस पवित्र स्थल पर जो भी श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनी मनोकामना लेकर आता है, उसकी मनोकामनाएं निश्चित रूप से पूरी होती हैं। मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है यहां होने वाली भस्म आरती जिसे देखने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। माना जाता है कि महाकालेश्वर के दर्शन को आए श्रद्धालुओं का आरती के बिना दान अधूरा है। हर बारह वर्ष में पड़ने वाला महाकुंभ मेला यहां का सबसे बड़ा मेला है जो विश्वभर में प्रसिद्ध है।
मंदिर का प्रमुख आकर्षण
उज्जैन का विशाल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पूरे विश्व में एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिण की ओर मुख किए हुए है। महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी है। तांत्रिक परंपरा में दक्षिणमुखी पूजा का महत्व बारह ज्योतिर्लिंगों में केवल महाकालेश्वर को ही प्राप्त है। मंदिर तीन प्रमुख खंडों में विभाजित है। निचले खंड में महाकालेर, बीच में ओंकारेश्वर तथा सबसे ऊपर खंड में नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है। गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की मोहक प्रतिमाएं हैं। गर्भगृह के सामने एक विशाल कक्ष में नंदी की प्रतिमा स्थापित है। इस कक्ष में बैठकर हजारों श्रद्धालु शिव की आराधना करते हैं।
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निर्माण कथा
शिव के महान भक्त अवंतिका के राजा वृषभसेन पर असुर ने हमला कर दिया, जिससे सुरक्षा पाने हेतु राजा ने भोलेनाथ की शरण ली। अपने भक्त की पुकार सुनकर भगवान प्रकट हुए और राजा की रक्षा की। राजा वृषभसेन के अनुरोध करने पर शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और उसी समय से उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में जाने गए।
अन्य दर्शनीय स्थल
मध्य प्रदेश का उज्जैन शहर कई मायनों में खास है। यहां पर कुल 33 करोड़ देवी-देवताओं के छोटे-बड़े मंदिर हैं। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन को आए श्रद्धालुओं के लिए उज्जैन में कई दार्शनिक स्थल हैं जैसे काल भैरव मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, चिंतामन गणेश मंदिर, ईस्कॉन मंदिर, जंतर मंतर, गोपाल मंदिर, भ्रतृहरि गुफा, राम मंदिर घाट, नवग्रह मंदिर, राम मंदिर, पाताल भैरव मंदिर इत्यादि।
कैसे पहुंचे
शिव को समर्पित उज्जैन नगरी पहुंचने के लिए इंदौर का देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा सबसे निकटतम एयरपोर्ट है। नजदीकी रेलवे स्टेशन, उज्जैन जंक्शन रेलवे स्टेशन है। यहां से बस-टैक्सी सुविधा हर समय उपलब्ध है।