चेन्नई के उपनगर मलयापुर में स्थित भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है कपालीश्वर मंदिर। यहां पार्वती की पूजा करपागंबल के रूप में किया जाता है। माना जाता है कि इस स्थान पर देवी पार्वती ने मोर रूप में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। मलयापुर में सब जगह मोर से जुड़े प्रतीक देखने को मिल जाते हैं। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक अनूठा नमूना है। मंदिर में कपालीश्वर और करपागंबल प्रमुख हैं। यहाँ देवी पार्वती “कर्पगाम्बाल” कहलाती हैं। मंदिर में भगवान शिव के दो मुख्य द्वार हैं। माना जाता है कि कपालीश्वर मंदिर की स्थापना, 7वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने की थी, जिसे आज भी द्रविड शैली वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण कहा जा सकता है। हिन्दू धर्म ग्रन्थों के अनुसार देवी पार्वती ने इस स्थान पर मोरनी के रूप में भगवान शिव की आराधना की थी जिसके कारण शहर का नाम मायलापुर पड़ा। मंदिर के पश्चिम गोपुरम में एक बड़ा कुंड है जिसे नौका उत्सव मनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा कार फेस्टिवल, तिरुकल्याणम, थेप्पम आदि इस मंदिर में आयोजित होने वाले विशेष उत्सव हैं।
पौराणिक कथा
भगवान् शिव ने ब्रह्मा जी के अनादरपूर्ण व्यवहार से कुपित होकर उनके एक सर (कपाल) को कलम कर दिया था। ब्रह्माजी ने उन्हें मनाने के लिए इसी जगह एक शिव लिंग की स्थापना की थी इसलिए यहाँ शिव को कपालीश्वर नाम पड़ा। 'कपालीश्वर' दो शब्दों 'कपलम और ईश्वर' से मिलकर बना है, जिसका अर्थ सर और भगवान शिव है।
अन्य दर्शनीय स्थल
चेन्नइे में अनेक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जो इसे पर्यटकों के लिए खास बनाते हैं। चेन्नई में तिरूमलई तिरूपति देवस्थानम्, श्री पार्थसार्थी मंदिर, मुरूगन मंदिर, शिर्डी साईं बाबा मंदिर, कालीकांबल मंदिर, मरूनदीश्वरर मंदिर, अनंथा पद्मनाभास्वामी मंदिर, अष्टलक्ष्मी मंदिर जैसे अनेक दर्शनीय स्थल हैं। चेन्नई अपने सुंदर बीच के लिए भी प्रसिद्ध है।
कैसे पहुंचे
चेन्नई के उपनगर मलयापुर में स्थित कपालीश्वर मंदिर पहुंचने के लिए चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम एयरपोर्ट है। नजदीकी चेन्नई सैंट्रल रेलवे स्टेशन है। यहां से बस-टैक्सी सुविधा उपलब्ध रहती है।